प्रादेशिक
राष्ट्रीय बालिका दिवस-2024: गुजरात विधानसभा में मॉक ‘तेजस्विनी विधानसभा’ आयोजित की गई
अहमदाबाद। राष्ट्रीय बालिका दिवस को गुजरात की बालिकाओं के लिए यादगार बनाने और लोकतांत्रिक मूल्यों के संबंध में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, जागरूकता लाने और राजनीतिक क्षेत्र में रुचि बढ़ाने के साथ-साथ नेतृत्व कौशल के विकास के उद्देश्य से बुधवार को गुजरात विधानसभा में ‘तेजस्विनी विधानसभा’ का आयोजन किया गया।
गुजरात के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं ने विधानसभा सदन में बैठ कर सदन का कामकाज का संचालन किया। गुजरात देश का पहला राज्य है जहां विधानसभा सदन छात्राओं द्वारा चलाया गया। लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में यह गुजरात विधानसभा का अनोखा कदम है।
गुजरात विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी :
गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि आज गुजरात की इन बेटियों ने जिस आत्मविश्वास के साथ विधानसभा सदन का संचालन किया है, उसे देखकर निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि गुजरात का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। राज्य का दृश्य बदल गया है, अगर गुजरात के हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ऐसी तेजस्वी बेटियों के हाथ में जाएगा तो गुजरात के विकास को कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा कि छात्राएं विधानसभा सदन में बैठकर और इसका संचालन कर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर सकती हैं और लोकतान्त्रिक प्रणाली जनहितकारी बने इस हेतु यह कार्यक्रम वास्तव में सराहना का पात्र है।
इस तेजस्विनी विधानसभा कार्यक्रम को सिर्फ ये बेटियां ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की छात्राएं और नागरिक भी देख सकेंगे।मात्र बेटियाँ ही नहीं परंतु समग्र राज्य के विद्यार्थी और नागरिक भी इस इस तेजस्विनी विधानसभा कार्यक्रम को देख सकें, ऐसी सफल योजना मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बनाई गई है।
विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि एक समय था जब देश में सती प्रथा जैसी प्रथाएं थीं। जिसके विरुद्ध राजा राममोहन राय ने अभियान चलाया और भारत में महिला सशक्तिकरण की शुरुआत की। पहले गुजरात में भी बेटा-बेटी के जन्मदर में अंतर था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बेटा-बेटी की जन्मदर को बढ़ाने के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू किया और गुजरात को इस स्थिति से बाहर निकालने का काम किया।
“बेटी यानि पराया धन नहीं, बेटी यानि घर आंगन की तुलसी” कहते हुए उन्होंने कहा कि आज राज्य की बेटियों का प्रतिनिधित्व भी हर क्षेत्र में बेटों के समान बढ़ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब इनमें से कुछ बेटियां विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा-विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लेकर एक नई क्रांति की शुरुआत की है। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल भी सशक्त गुजरात के माध्यम से सशक्त भारत के निर्माण के लिए विभिन्न प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल :
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महिला शक्ति को नये युग की शक्ति के रूप में स्थापित होने के अनेक अवसर दिये हैं।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद में नारीशक्ति वंदन अधिनियम पारित कर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण मिले। उन्होंने कहा कि उन्होंने देश के राजनीतिक लोकतंत्र से सामाजिक लोकतंत्र तक के मार्ग को चिह्नित किया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर गुजरात ने विधानसभा भवन में ‘तेजस्विनी विधानसभा’ और जिला पंचायत और नगरपालिका स्तर पर ‘तेजस्विनी पंचायत’ कार्यक्रम के माध्यम से राज्यव्यापी उत्सव की एक नई पहल की है। यह ‘तेजस्विनी विधानसभा’ राजनीतिक लोकतंत्र से लेकर सामाजिक लोकतंत्र का संदेश देगी। उन्होंने बालिकाओं से सामाजिक लोकतंत्र के साथ-साथ गुजरात के समग्र विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और राज्य के विकास में महिलाओं की जनभागीदारी और सहयोग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नारी शक्ति पर विश्वास किया और लोक प्रतिनिधित्व में महिलाओं के आरक्षण के लिए लोकसभा में विधेयक लाए, जिसकी सफलता का एहसास आज तेजस्विनी विधानसभा में दिखाई दे रहा है। श्री नरेन्द्र मोदी ने नारी शक्ति पर विश्वास करते हुए रक्षा क्षेत्र में भी लड़कियों के लिए भर्ती के द्वार खोलकर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि आज देश की महिलाशक्ति सेनाओं में शामिल होकर लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने मॉक विधानसभा ‘तेजस्विनी विधानसभा’ को गुजरात विधानसभा के लिए एक ऐतिहासिक घटना बताते हुए कहा कि आज की तेजस्विनी विधानसभा में बालिकाओं द्वारा सदन के संचालन को देखकर मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि गुजरात की बेटियाँ न केवल घर संभाल रही हैं बल्कि गांव, शहर, नगर पंचायत या ज़िले के शासन की कमान भी संभाल रही हैं, इस तरह वह भविष्य में भी वे जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य और देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ज़िला पंचायत, तालुका पंचायत, ग्राम पंचायत या स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में नारीशक्ति को भेंट दिए गए कानूनों से सभी बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती भानुबेन बाबरिया :
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती भानुबेन बाबरिया ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य की बेटियों के लिए एक यादगार और विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया। जिसके परिणामस्वरूप बुधवार को समग्र राज्य की बेटियों के लिए “तेजस्विनी विधानसभा” का सफल आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने 13 बालिका पंचायतों, अहमदाबाद समरस छात्रावास सहित विभिन्न ज़िलों से बेटियों का चयन किया था। आज गुजरात की इन बेटियों ने महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण पेश किया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का संकल्प लिया है। आज गुजरात महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। तेजस्विनी विधानसभा जैसे कार्यक्रमों से राज्य की बेटियों में नेतृत्व के गुण विकसित होंगे और वे आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में विधानसभा, ज़िला पंचायत, महानगरपालिका, तालुका पंचायत और ग्राम पंचायत में महिलाओं का नेतृत्व बढ़ेगा।
तेजस्विनी विधानसभा में प्रश्नोत्तरी काल के दौरान बालिकाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे शिशु जन्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सुरक्षा, सुरक्षा और नेतृत्व विकास पर चर्चा की गई। इसके अलावा जन प्रतिनिधित्व के लिए महिला आरक्षण संबंधी विधेयक भी प्रस्तुत किया गया और तेजस्विनी द्वारा इस विधेयक पर चर्चा की गई।
उल्लेखनीय है कि समग्र देश में हर वर्ष दिनांक 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। बालिकाओं के लिए इस दिन को और खास बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा गणेश वासुदेव मावलंकर संसदीय अध्ययन एवं प्रशिक्षण ब्यूरो व गुजरात विधानसभा के संयुक्त उपक्रम से ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर विधानसभा में इस ‘तेजस्विनी विधानसभा’ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बालिका पंचायत का प्रतीक चिह्न और उसकी मार्गदर्शिका का अनावरण किया गया
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तेजस्विनी विधानसभा में सुश्री जल्पा अघेरा ने गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में, और सुश्री मुक्ता नाथबावा ने मुख्यमंत्री के रूप में पद धारण किया
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तेजस्विनी विधानसभा में सुश्री जल्पा अघेरा ने गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में, सुश्री मुक्ता नाथबावा ने मुख्यमंत्री के रूप में, सुश्री मालतीबेन वेकरिया गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में, सुश्री किंजलबेन झाला, सुश्री आनंदी छांगा, सुश्री जुलीबेन झाला, सुश्री उर्मी चाड, सुश्री गीताबेन ठाकोर, सुश्री झलकबेन झाला, सुश्री यशवी लीला और सुश्री भारती गरवा ने विभिन्न कैबिनेट मंत्री का पद धारण किया। साथ ही, सुश्री रमिलाबेन वणकर, सुश्री बंसी आहीर, सुश्री अस्मिता जोशी, सुश्री पूजाबेन परमार, सुश्री मन्नत समा, सुश्री राजश्री कापडी, सुश्री झाला और सुश्री बिंदिया मोखा ने विभिन्न राज्य स्तरीय मंत्रियों का पद धारण किया।
इसके अलावा सुश्री संजना झाला ने विधानसभा के मुख्य दंडक का पद, सुश्री जानकीबेन झाला ने विधानसभा के दंडक के रूप में, सुश्री जिनालबेन झाला, सुश्री इंदुबेन झाला और सुश्री मीनाक्षीबेन राठौड़ ने विधानसभा के उपदंडक के रूप में पद धारण किया। इसके अलावा, विभिन्न बालिकाओं ने विधानसभा के सदस्यों का पद धारण किया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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