Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

अमरमणि की रिहाई पर निधि शुक्‍ला हैरान, बोली- 20 साल के संघर्ष की लाज रख लीजिए

Published

on

Nidhi shukla Amarmani Tripathi

Loading

लखनऊ। कवियत्री मधुमिता शुक्‍ला हत्‍याकांड में सालों से उम्रकैद की सजा काट रहे उप्र सरकार में पूर्व मंत्री बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्‍नी मधुमणि को रिहा करने के आदेश आ गए हैं। 16 साल से अधिक समय से दोनों जेल में हैं। आज दोनों गोरखपुर जेल से रिहा हो जाएंगे।

इस बीच, मधुमिता शुक्‍ला की बहन निधि शुक्‍ला ने यूपी सरकार के इस आदेश पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्‍प्‍ट ऑफ कोर्ट की याचिका लगाई हुई है। इस पर 25 अगस्‍त यानी आज सुबह 11 बजे सुनवाई होनी है। यह संबंध में उन्‍होंने यूपी सरकार को जानकारी दे दी थी। इससे पहले ही अमरमणि की रिहाई का आदेश आने से उनको निराशा हुई है।

अपने वीडियो संदेश में निधि शुक्‍ला ने कहा- ‘आज मैंने जब सुना कि अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि की रिहाई का आदेश राज्‍यपाल महोदया ने दिया है तो मुझे बहुत हैरानी हुई। मैं यूपी सरकार और राज्‍यपाल को पिछले 15 दिनों से पत्र और ईमेल के जरिये लगातार सूचना दे रही हूं कि हमने अमरमणि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

इस पर 25 अगस्‍त यानी आज सुबह 11 बजे सुनवाई है, फिर यह आदेश किस तरह से हुआ है? मुझे पूरी उम्‍मीद है कि राज्‍यपाल महोदया को भ्रमित कर यह आदेश कराया गया है। मेरी प्रार्थना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नहीं आ जाता तब तक इस रिहाई पर रोक लगाई जाए।

मेरे 20 सालों के संघर्ष की कुछ लाज आप लोग रख लीजिए। सिर्फ उतनी देर का समय आप लोगों से मांग रहे हैं। मैंने सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्‍प्‍ट ऑफ कोर्ट की याचिका लगाई हुई है जिस पर आज सुनवाई होनी है।’

2003 में हुई थी मधुमिता शुक्‍ला की हत्‍या

बता दें कि वर्ष 2003 में मधुमिता हत्‍याकांड के बाद यूपी की राजनीति सरगर्म हो गई थी। लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई को मधुमिता की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। देहरादून फास्‍ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्‍टूबर 2007 को अमरमणि, मधुमणि, भतीजे रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

अमरमणि और मधुमणि कई साल से गोरखपुर जेल की अस्‍पताल में रहते आए हैं। कभी उनका गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज तो कभी लखनऊ के केजीएमयू में इलाज चलता रहा है। निधि शुक्‍ला ने इस बात को लेकर भी यूपी सरकार से कई बार शिकायत की है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

Published

on

Loading

गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

Continue Reading

Trending