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उत्तर प्रदेश

जेल में पति से 200 मीटर दूर है निखत अंसारी, रात भर बदलती रही करवटें  

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Nikhat Ansari is 200 meters away from her husband in jail

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चित्रकूट। उप्र की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक चित्रकूट जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निखत अंसारी को मिलाने में नियमों के उल्लंघन के मामले में शासन प्रशासन सख्त है।

कार्यवाई के क्रम में जांच अधिकारी डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लिए। रविवार सुबह नौ बजे चित्रकूट जिला जेल पहुंचे शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने अब्बास की बैरक और महिला बैरक में बंद उसकी पत्नी निखत के आसपास की सुरक्षा का जायजा लिया।

उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुलाकाती रजिस्टर की जांच की। जांच में पता चला कि शुक्रवार को विधायक से मिलने उसकी पत्नी निखत बानो साढ़े दस बजे के बाद पहुंची थी। रविवार की सुबह जेल परिसर के बाहर और अंदर कार्यरत कर्मचारियों के हावभाव बदले रहे।

सभी बातचीत करने में झिझकते रहे। उन्होंने एक फरवरी से 10 फरवरी तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। रजिस्टर का रिकार्ड जांचा जा रहा है। इसमें अब्बास से मिलने आने वालों की सूची बन रही है। उनके मोबाइल नंबर से विधायक से उनका रिश्ता भी जाना जाएगा।

बताया गया कि अभी तक की जांच में यह सामने आया कि विधायक की पत्नी दो बार ऑन रिकार्ड भी मिल चुकी है। सीसीटीवी फुटेज से उसके कई बार आने का पता चला है।

निलंबित जेल अधीक्षक और जेलर के लिए बयान

जेल डीआईजी ने जांच के दौरान निलंबित किए गए जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर व जेलर संतोष कुमार के भी कमरे में बयान लिए। उनके सामने ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। संदेह होने पर उनसे पूछताछ की गई। डीआईजी जेल का कहना है कि अभी जांच जारी है। इसकी जानकारी शासन को दी गई है।

रविवार को नहीं हो सकी विधायक की शिफ्टिंग

18 नंवबर 2022 को नैनी जेल से चित्रकूट लाए गए विधायक अब्बास अंसारी की अब चित्रकूट जेल से भी बदली होगी। डीआईजी जेल ने उनकी जेल बदलने की सिफारिश की है। संभावना थी कि रविवार को उन्हें दूसरी जेल भेजा जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। एक ही जेल में पति और पत्नी के होने पर शासन प्रशासन इनकी जेल बदलने पर मंथन कर रहा है।

किरायेदार पर कसा शिकंजा

अब्बास की मां और उसका करीब एक साल का बेटा अभी चित्रकूट में लिए गए किराये के कमरे में ही हैं। उन्होंने किसी से भी मिलने से इन्कार कर दिया है।

उधर, शहर के हाईवे किनारे स्थित जिस मकान में विधायक की पत्नी निखत व अन्य लोग रहते थे, उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी। मकान मालिक ने बताया कि उसने एक स्थानीय नेता के माध्यम से आठ हजार रुपये महीने पर अपना घर किराये पर दिया था।

उसे बताया गया था कि ये लोग ठेकेदार हैं और दूसरे जिले के रहने वाले हैं। साइट पर कभी-कभार आते हैं। ऐसे में यहां रुकने के लिए घर किराये पर लिया है। उसने किसी का आधार कार्ड नहीं लिया था। इनकी पुलिस से वेरीफिकेशन भी नहीं कराई थी। एक माह का किराया मिल चुका है। एक ही महीने के लिए ही किराये पर मकान लिया था।

आपको बता दें कि चित्रकूट जिले की रगौली कारागार में गैरकानूनी ढंग से विधायक अब्बास अंसारी से मुलाकात करने वाली पत्नी निखत अंसारी भी उसी जेल में बंद है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेल में पति और पत्नी को 200 से 300 मीटर की दूरी पर रखा है। अब जेल में वह मिल नहीं पा रहे हैं। इससे पहले निखत पति से मुलाकात करने के लिए आती थीं। निखत पिछले एक-डेढ़ माह से रोज विधायक अब्बास से कई घंटे तक जेलर के कमरे में मुलाकात किया करती थीं।

रात भर नहीं सो सकी निखत

जेल नियमों का उल्लंघन और कई अन्य गंभीर धाराओं में नामजद विधायक अब्बास की पत्नी निखत बानो की जेल में पहली रात उलझन भरी रही। बताया गया कि रात में उसे नींद नहीं आई। उसने दो बार चाय मांगी। रात में अंडे की सब्जी खाई।

रविवार की सुबह देर से बैरक से निकली। बंदियों की गिनती के दौरान वह मौजूद रही। उसे महिला बैरक में अलग रखा गया है। दोपहर को सभी बंदियों की तरह बैरक में उसने खाना खाया।

गौरतलब है कि जिला जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास को जेल से भगाने की साजिश रचने में उसकी पत्नी निखत बानो को पुलिस ने बीते शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।

निखत बंदी मुलाकाती रजिस्टर में नाम दर्ज कराए बिना पति अब्बास से मिलने जेल पहुंची थी। शनिवार को दोनों पक्षों के बयानों की सुनवाई के बाद जज ने पांच दिन यानी 16 फरवरी तक के लिए जूडिशियल रिमांड पर निखत को जेल भेजने का आदेश दिया था।

निखत और उसके चालक नियाज को पांच दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर चित्रकूट जेल भेजा गया है। मामले की सुनवाई लखनऊ के कोर्ट में होगी। ऐसे में पहले से चित्रकूट जेल में बंद विधायक अब्बास और उसकी पत्नी एक ही जेल में हैं। इस मामले में एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा भी लगी है।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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