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प्रादेशिक

नौवीं पास चपरासी नहीं बनता, ये डिप्टी सीएम बने हैं: पीके का तेजस्वी पर हमला

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पीके

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पटना। राजनीतिक रणनीतिकार और कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद खास रहे प्रशांत किशोर (पीके) ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला किया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में कोई और नौवीं पास होता तो चपरासी की नौकरी मिलती।

रिपोर्ट मुताबिक प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा के दौरान लोगों से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार का डिप्टी सीएम बना गया है,  इसकी इसकी एकमात्र वजह यह है कि तेजस्वी यादव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं। लालू यादव का बेटा होने की वजह से तेजस्वी यादव 9वीं पास होने के बावजूद बिहार के डिप्टी सीएम बने हुए हैं।

प्रशांत किशोर ने लोगों से स्थानीय बोली में बातचीत करते हुए कहा- लालू जी का लड़का नौवीं पास है और वो बन रहा है मुख्यमंत्री। आपका लड़का नौवीं पास रहे तो उसको चपरासी की भी नौकरी मिलती है क्या? बताइए जरा। मिलना चाहिए कि नहीं। जिसके पापा विधायक, जिसके बाबूजी मंत्री-मुख्यमंत्री, और वो नौवीं फेल भी रहे तो उसको नौकरी मिल जाती है और वो राजा बनकर रहता है। ये बदलना चाहिए कि नहीं।

प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जन सुराज पदयात्रा पर हैं। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की कर्मभूमि पश्चिम चंपारण के भितिहारवा से पीके पदयात्रा पर निकले हैं। प्रशांत किशोर प्रतिदिन लगभग 10 किलोमीटर की पदयात्रा करते हैं और लोगों से जनसंवाद करते हैं।

इस दौरान पीके ने लोगों से बातचीत के दौरान यह बात कही। पीके की जन सुराज पदयात्रा लगभग 15 महीने चलेगी। इसके दौरान हुए राज्य में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। राज्य में व्यवस्था परिवर्तन के लिए बिहार की आवाम को तैयार कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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