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प्रादेशिक

बिहार: उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार की दो टूक- जब जाना हो चले जाएं

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Nitish Kumar Upendra Kushwaha

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पटना। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बागी तेवर पर सीएम नीतीश कुमार ने खरी खरी सुना दी है। उन्होंने कहा कि जिनको जाना है जा सकता है। मैंने किसी को नहीं रोका। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता अपनी मर्जी से आते हैं, जाते हैं।

बता दें, एक दिन पहले ही उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के कमजोर होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार और पार्टी को कमजोर करने की साजिश हो रही। नीतीश कुमार-ललन सिंह बताएं आखिर आरजेडी से क्या डील हुई? इसी के बाद अब नीतीश कुमार का बयान सामने आया है।

किसी के आने-जाने से पार्टी प्रभावित नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना बोलना हो बोलते रहिए और जब जाना हो चले जाएं। पार्टी इससे प्रभावित नहीं है। जननायक कर्पूरी ठाकुर की 99वीं जयंती पर समस्तीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने ये टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग (कुशवाहा) दो साल पहले पार्टी में आए थे और पार्टी छोड़ने का आधार बनाने के वास्तविक मकसद से हमारी आलोचना कर रहे हैं।

गौरतलब है कि कुशवाहा ने 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद एक भी सीट नहीं जीतने के बाद अपनी आरएलएसपी का जद-यू में विलय कर दिया। जदयू ने उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद दिया था।

मैंने कई नेताओं का बढ़ाया

नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने कई नेताओं को बढ़ावा दिया है, लेकिन उन्होंने हमारे खिलाफ बात की और पार्टी छोड़ दी। उनकी अनुपस्थिति से पार्टी प्रभावित नहीं होती है। कुशवाहा की हालिया टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने तुरंत कहा कि हमें उनसे कोई लेना-देना नहीं है। वह हमारे साथ आए। वह जो कुछ भी कहना चाहते हैं, कहने के लिए स्वतंत्र हैं। मुझसे उनके बारे में न पूछें।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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