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मुख्य समाचार

संबंध बनाते समय पार्टनर का आधार व पैन चेक करने की जरूरत नहीं: दिल्ली HC

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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि सहमति से संबंध बनाते समय पार्टनर का डेट ऑफ बर्थ चेक (DOB) करने के लिए किसी को आधार और पैन कार्ड देखने की जरूरत नहीं होती है। कोर्ट ने यह बात संभावित हनीट्रैप केस में एक शख्स को जमानत देते हुए कही।

कोर्ट ने पुलिस प्रमुख को इस बात की भी जांच करने को कहा कि क्या कथित ‘पीड़ित’ महिला आदतन अपराधी है, जिसने रेप का केस दर्ज कराकर पैसों की उगाही की। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने दावा किया था कि जब इसे सेक्स के लिए सहमत किया गया तब वह नाबालिग थी और फिर आरोपी ने उसे धमकी देकर रेप किया।

पिछले सप्ताह केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा, ”एक व्यक्ति जो किसी के साथ सहमति से शारीरिक संबंध में है,  उसे डेट ऑफ बर्थ जांच करने की जरूरत नहीं। संबंध बनाने से पहले उसे आधार कार्ड, पैन कार्ड या स्कूल रिकॉर्ड से डेट ऑफ बर्थ जांचने की आवश्यकता नहीं है।”

कोर्ट ने पाया कि महिला के बयान में कई तरह के विरोधाभास हैं और उसे एक साल में आरोपी के अकाउंट से 50 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। आखिरी पेमेंट एफआईआर से ठीक एक सप्ताह पहले किया गया था। लड़की ने शख्स के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया है।

जज ने कोर्ट के पुराने आदेश के हवाले से यह भी कहा कि ऐसे केस बढ़ रहे हैं जहां मासूम लोगों को हनीट्रैप में फंसाया जाता है और बड़ी रकम वसूल कर ली जाती है। जज ने कहा मेरा विचार है कि इस केस में जितना दिखा उससे अधिक है। प्रथम दृष्टया मेरा विचार है कि यह भी ऐसी ही घटना है।

जज ने पुलिस कमिश्नर को विस्तृत जांच का आदेश दिया। आरोपी शख्स की ओर से पेश हुए वकील अमित चड्ढा ने कहा कि महिला के तीन डेट ऑफ बर्थ हैं। आधार के मुताबिक जन्म 1 जनवरी 1998 को हुआ, लेकिन पैन कार्ड में 2004 है। जब पुलिस ने वेरिफाई किया तो पाया कि डेट ऑफ बर्थ जून 2005 है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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