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शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर नहीं हुआ कोई आदेश, 11 अक्तूबर को होगी सुनवाई

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शिवलिंग

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वाराणसी। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने अपना आदेश टाल दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 11 अक्तूबर को होगी।

हिन्दू पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने कहा कि इस मामले में हम कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं। मुस्लिम पक्ष का प्रतिउत्तर सुनने के बाद अदालत अपना फैसला सुना सकता है। 11 अक्तूबर को अदालत पहले मुस्लिम पक्ष को सुनेगी। इसके बाद अदालत का आदेश आ सकता है।

वहीं, सिविल जज फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में ज्ञानवापी प्रकरण के दो प्रार्थनों पर सुनवाई टल गई है। आज शुक्रवार को अदालत की पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नही हो सकी। इस मामले में भी अगली सुनवाई अब 11 अक्तूबर को होगी।

इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ राग-भोग आरती करने की मांग लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल अर्जी पर भी सुनवाई टल गई।

इस कोर्ट के भी पीठासीन अधिकारी अवकाश पर होने के कारण ही सुनवाई नही हुई। इस मामले के लिए अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी। वही आज शुक्रवार को महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में अविमुक्तेश्वर भगवान आदि की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई टल गई। इस मामले में 28 अक्तूबर की तिथि नियत की गई है।

दिल्ली निवासी हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व खजुरी निवासी अजीत सिंह ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। इसमें अविमुक्तेश्वर भगवान के पूजा-पाठ राग-भोग, भजन-कीर्तन व धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन की अनुमति की मांग की गई है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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