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ऑफ़बीट

इंसानों के शरीर से भी बन सकते है हीरे, जानें किस प्रकार बनते हैं

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लंबे समय से हीरों को पृथ्वी के गर्भ से निकाला जा रहा है। निरंतर वैज्ञानिकों के उन्नति के जरिए अब ये काम लैब में भी किया जा सकेगा। रासायनिक रूप से हीरे शुद्ध कार्बन के बने होते है। अगर इसे काफी ज्यादा तापमान पर गर्म किया जाए तो ये कार्बन डाइऑक्साइड बन जाएगा। हीरा काफी दुर्लभ पदार्थ होता है। इसीलिए इनकी कीमत बहुत ज्यादा होती है।

हीरों को खनन द्वारा निकालने में काफी मेहनत लगती है। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में पानी की बर्बादी होती है। इसके अलावा जहां पर हीरों का खनन किया जाता है वहां पर हजारों-हजार पेड़ों को काट दिया जाता है। खनन के दौरान मजदूरों को बेहद ही खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। ऐसे में प्रयोगशाला में बने हीरे आने वाले दौर में गेम चेंजिंग चीज साबित हो सकती है।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि हीरों को इंसान और जानवर दोनों के शरीर से बनाया जा सकता है। हमारे शरीर की संरचना में कार्बन के एटम का बहुत बड़ा योगदान है। अगर कार्बन नहीं होता, तो पृथ्वी पर जीवन भी संभव नहीं हो पाता। इसी वजह से कार्बन को जीवन का मूलाधार माना जाता है। अगर किसी मृत जानवर या इंसान के शरीर से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को निकाल दिया जाए तो शरीर के टिशू के अंदर शुद्ध रूप में कार्बन बचेगा।

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उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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