आध्यात्म
15 दिन में रामलला को एक करोड़ का चढ़ावा; रामभक्तों ने दिल खोल किया दान, सोना-चांदी भी चढ़ाया
अयोध्या। रामभक्त रामलला के दरबार में दिल खोलकर दान कर रहे हैं। 23 जनवरी से लगातार भक्त उमड़ रहे हैं। राम मंदिर में बालक राम के सामने रखे छह दानपात्रों (हुंडी) में चढ़ावे की धनराशि की गिनती रविवार को रात आरती के बाद शुरू की गई, जो रात दो बजे तक चली।
एक पखवाड़े यानी 15 दिन में भक्तों ने रामलला को एक करोड़ का चढ़ावा अर्पित किया है।
रामलला के दानपात्र से बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण भी मिले हैं। मंदिर खुलने के बाद पिछले 15 दिनों में रामलला के दरबार में 30 लाख से अधिक भक्त पहुंच चुके हैं। रोजाना औसतन दो लाख भक्त रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं।
भक्त यहां आकर बालक राम के प्रति आस्था समर्पित कर रहे हैं। कोई धन अर्पित कर रहा है, कोई सोना-चांदी। भारी भीड़ के चलते रामलला के दरबार में रखे दानपात्रों में दान राशि की गिनती के लिए नहीं खोला गया था। इस दौरान चढ़ावा दानपात्रों में जमा होता रहा, जिसमें बड़ी संख्या में आभूषण आदि भी पाए गए। करीब एक करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा राशि दानपात्रों में मिली।
रविवार की रात भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारियों समेत 15 सदस्यीय टीम ने सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में छह दानपात्रों को खोलवा कर जमा सामानों को सुरक्षित रखवाया। उसके बाद इसमें जमा धनराशि की गिनती शुरू हुई। चढ़ावा राशि और भेंट के सामानों को मंदिर परिसर के काउंटिंग रूम में बने चेस्ट में रखवा दिया गया है।
तीन गुना बढ़ा दानपात्र का चढ़ावा
राममंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि अस्थायी मंदिर में रामलला के दान पात्र में 40 से 50 लाख महीने का चढ़ावा आता था। नए मंदिर में यह चढ़ावा तीन गुना बढ़ गया है। पिछले 15 दिनों में ही एक करोड़ का चढ़ावा दान पात्र से प्राप्त हुआ है। हर 15 दिन पर दानपात्र के चढ़ावे की गिनती की जाती है।
विभिन्न माध्यमों से मिला 15 करोड़ का दान
प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मंदिर खुलने के बाद एक पखवाड़े में विभिन्न माध्यमों से करीब 15 करोड़ का दान प्राप्त हो चुका है। राममंदिर परिसर में दस दान काउंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा मंदिर के गर्भगृह में जहां बालक राम विराजमान हैं, उनके सामने दर्शन मार्ग के पास छह बड़े आकार के दान पात्र रखे हैं।
श्रद्धालु सीधे प्रभु को चढ़ावा अर्पित कर रहे हैं। मंदिर परिसर में स्थापित किए गए दस दान काउंटर पर ट्रस्ट के कर्मचारी नियुक्त हैं। दान करने पर उसकी रसीद भी दी जाती है। दान का लेखा-जोखा रोजाना शाम को ट्रस्ट कार्यालय में जमा किया जाता है।
इस तरह निधि अर्पित कर रहे भक्त
22 जनवरी-3.17 करोड़
23 जनवरी-2.90 करोड़
24 जनवरी- 2.43 करोड़
25 जनवरी- 12.50 लाख
26 जनवरी- 1.15 करोड़
27 जनवरी- 31 लाख
28 जनवरी- 34.25 लाख
29 जनवरी-32.50 लाख
30 जनवरी-29.15 लाख
31 जनवरी- 54.42 लाख
01 फरवरी- 14.00 लाख
02 फरवरी- 08.25 लाख
03 फरवरी-10.14 लाख
04 फरवरी-22.35 लाख
05 फरवरी-20.17 लाख
06 फरवरी-40. 24 लाख
आध्यात्म
मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज
महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।
मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक
प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।
शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स
सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।
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