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उत्तर प्रदेश

रामपुर: RPS खाली कराने का नोटिस देने के बाद पहुंचे अधिकारी, अभिभावकों ने जताया विरोध

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Officers arrived after giving notice to vacate Rampur public school

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रामपुर। सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां के रामपुर पब्लिक स्कूल (RPS) को खाली करने का नोटिस जारी करने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्कूल खाली कराने का अभिभावकों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि अगर स्कूल बंद करवाया जाता है तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा?

जौहर ट्रस्ट को लीज पर मिली जमीन को खाली कराने का नोटिस देने के बाद रविवार को शिक्षा विभाग की टीम रामपुर पब्लिक स्कूल पहुंची। इस दौरान मौके पर मौजूद अभिभावकों ने जमीन खाली कराने का विरोध किया। उनकी अधिकारियों की कई मुद्दों को लेकर बहस भी हुई।

अधिकारियों ने बताया कि स्कूल संचालकों को नोटिस दे दिया गया है। वह मौके की स्थिति को देखने के लिए पहुंचे थे। योगी सरकारी ने जौहर ट्रस्ट को दी गई जमीन की लीज खत्म कर दी थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर इसे खाली करवाने के लिए आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए थे।

तीन नवंबर को शिक्षा विभाग ने आजम खां के जौहर ट्रस्ट संचालकों से सात दिन में जमीन को खाली करने का नोटिस जारी किया था। इसमें चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि इस जमीन पर बने निर्माण से किसी भी तरह की छेड़छाड़ या फिर उसके स्वरूप में कोई परिवर्तन करने की कोशिश की गई तो कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस आजम खां के RPS गर्ल्स विंग पर चस्पा भी किया गया है। यूपी सरकार ने सपा शासन में आजम खां के जौहर ट्रस्ट को तोपखाना रोड स्थित शिक्षा विभाग की जमीन और भवन को 30 साल की लीज पर दिया था। जिस पर सपा सरकार में ट्रस्ट की ओर से रामपुर पब्लिक स्कूल (गर्ल्स विंग) खोल दिया गया था।

इसके साथ ही इस जमीन पर दारुल आवाम (सपा कार्यालय) भी बनाया गया था। ये सब लीज की शर्तों का उल्लंघन करते हुए किया गया था। इसकी शिकायत भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने शासन से की तो शासन ने जांच करवाई। इसके बाद डीएम ने रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिस पर मंगलवार को योगी कैबिनेट ने लीज को निरस्त कर दिया था।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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