Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम ने ड्राफ्ट किया तैयार

Published

on

Loading

लखनऊ। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर पर नियंत्रण पाने वाली योगी सरकार ओमीक्रान वेरिएंट को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में सभी जरूरी सुरक्षा उपायों पर काम कर रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशों के बाद कोरोना की दूसरी लहर में गठित की गई डॉक्‍टरों की विशेष टीम कोरोना के इस नए वैरिएंट पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इस कमेटी ने ओमीक्रॉन को लेकर विभिन्‍न पहलुओं पर चर्चा कर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसको ये टीम जल्‍द ही अधिकारियों को सौंपेगी। एसजीपीजीआई की विशेष टीम ने ड्राफ्ट में कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर यूपी में बरती जाने वाली सावधानियां, इसके खतरे, टीकाकरण के बाद इसके प्रभावों के बारे में चर्चा की है।

संजय गांधी पोस्‍ट इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एसजीपीजीआई) के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि नए वैरिएंट के विरूद्ध यूपी के लिए सबसे कारगर हथियार टीकाकरण साबित होगा। पिछले डेढ़ सालों में बढ़ाई गई चिकित्‍सीय सुविधाओं के चलते अब प्रदेश इस नए संक्रमण का सामना करने के लिए बिल्‍कुल तैयार है। पर्याप्‍त चिकित्‍सीय संसाधनों के कारण इस नए वैरिएंट से लड़ने में यूपी सक्षम है। उन्‍होंने बताया कि दूसरे देशों में ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को देखते हुए संस्‍थान की ओर से इस नए वैरिएंट को लेकर अलग अलग पहलुओं पर चर्चा की गई है। इस विशेष बैठक में यह बात सामने निकलकर आई है कि ये कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से फैलता है और इसकी संक्रमण दर भी अधिक है।

टीकाकरण और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी-डॉ धीमान

डॉ आरके धीमान ने बताया कि डॉक्‍टरों के आंकलन अनुसार इस नए वैरिएंट की संक्रमण दर भले ही ज्‍यादा हो पर यह डेल्‍टा की तुलना में ज्‍यादा खतरनाक नहीं है। उन्‍होंने कहा विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार डेल्‍टा की तुलना में इस नए वैरिएंट से मृत्‍यु दर की बढ़ने की आशंका कम है। उन्‍होंने बताया कि तीसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए जल्‍द से जल्‍द टीकाकरण करने के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने की जरूरत है।

हर पॉजिटिव मरीज की हो रही जीनोम सीक्वेंसी-धीमान

सीएम के आदेश के बाद प्रदेश में एक ओर डेली मॉनीटरिंग को बढ़ाने के साथ ही निगरानी समितियां अलर्ट मोड पर काम कर रही हैं। डॉ धीमान ने बताया कि विदेश से आने वाले सभी यात्री की आरटीपीसीआर जांच कराने के साथ ही यदि कोई पॉजिटिव मरीज पाया जाता है तो उसकी जीनोम सीक्वेंसी कराई जा रही है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

Published

on

Loading

लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

Continue Reading

Trending