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देश में ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर 3,071 हुए , 27 राज्यों में फैल चुका है संक्रमण

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नई दिल्ली। भारत में बीते 24 घंटों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के 64 नए मामले सामने आए हैं, इसी के साथ मामलों की संख्या बढ़कर 3,071 हो गई है। ये आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार साझा किए हैं।

तो वहीं देशभर में अब तक कुल 1,203 लोग ओमिक्रॉन से ठीक हो चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार, अब तक संक्रमण 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। हालांकि, महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बने हुए हैं।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 876 मामलों के साथ महाराष्ट्र सबसे बुरी तरह प्रभावित है, जबकि 381 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है।इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटों में ओमिक्रॉन के 48 नए मामले सामने आए, जिससे मामलों की संख्या बढ़कर 513 हो गई है जबकि कुल 57 लोग रिकवर हुए हैं।

दिल्ली के बाद कर्नाटक में अब तक 333 ओमिक्रॉन के मामले है। राजस्थान में ओमिक्रॉन के 291 मामले हैं। अन्य राज्यों में, केरल और गुजरात में अब तक क्रमश: 284 और 204 मामले हैं। हालांकि, तेलंगाना में 16 मामले दर्ज किए हैं, जिससे यह संख्या 123 हो गई है। तमिलनाडु में 121 मामले है।

हरियाणा में अब तक 114 ओमिक्रॉन के मामले है। ओडिशा और उत्तर प्रदेश में अब तक 60 और 31 मामले सामने आ चुके हैं। आंध्र प्रदेश में 28 मामले और पश्चिम बंगाल में अब तक 27 मामले सामने आए है। गोवा में 19 मामले सामने आए है।

हालांकि, मध्य प्रदेश और असम में 9-9 और उत्तराखंड में 8 ओमिक्रॉन के मामले हैं। मेघालय में अब तक 4 ओमिक्रॉन मामले हैं। चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह ने अब तक 3-3 मामले दर्ज किए हैं। पुडुचेरी और पंजाब में अब तक 2-2 ओमिक्रॉन मामले सामने आए हैं। इस बीच, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख, मणिपुर और छत्तीसगढ़ में एक-एक मामला सामने आया है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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