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बेंगलुरु में दस साल से शर्मा बनकर रह रहा था पाकिस्तानी परिवार, घर की दीवारों से खुला राज, गिरफ्तार

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बेंगलुरु। पिछले 10 साल से भारत में फर्जी पहचान के साथ रहने वाले 4 पाकिस्तानियों को 30 सितंबर को गिरफ्तार किया गया है। इनके असली नाम राशिद अली सिद्दीकी (47), आयशा (38), हानिफ मोहम्मद (73) और रुबीना (61) है। ये लोग राजपुरा गाँव में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा नाम से रह रहे थे।

‘मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-युनूस’ घर की दीवारों पर लिखा था।

पुलिस ने खुफिया इनपुट्स के आधार पर इन्हें चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। ये लोग ढाका से चन्नई एयरपोर्ट पर उतरे थे। जाँच के दौरान आव्रजन अधिकारियों ने इन्हें इनके फर्जी पासपोर्टों के साथ गिरफ्तार किया गया।पूछताछ में पहले इन्होंने बताया कि ये लोग शर्मा परिवार है और बेंगलुरु में 2018 से रह रहे हैं। इनके पास जो पहचान पत्र मिले उनमें भी हिंदू नाम दिखे। हालाँकि जब पुलिस छानबीन के लिए इनके घर गई तो इनके घर की दीवार पर बड़ा-बड़ा ‘मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-युनूस’ लिखा था।

जब सिद्दीकी से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने मान लिया कि वो पाकिस्तानी है और कराची के लियायकतबाद के निवासी है। वहीं उसकी बीवी और उसका परिवार लाहौर का है। उसने बताया कि उसका निकाह आयशा से साल 2011 में ऑनलाइन हुआ था जब वो अपने माता पिता के साथ बांग्लादेश में रहती थी। बाद में राशिद को भी बांग्लादेश आना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान मे उसका विरोध होने लगा था।

बांग्लादेश में उसने मेहदी फाउंडेशन में उलेमा का काम शुरू किया। जहाँ संस्था ही उसका सारा खर्चा उठाती थी। बाद में 2014 में भी सिद्दीकी पर हमला हुआ और तब उसे किसी परवेज नाम के शख्स ने भारत में अवैध रूप से एंट्री करा दी।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

हकीकत खुलने के बाद पुलिस ने इन चारों की गिरफ्तारी कर ली है। मले को आईपीसी की धारा 420, 468, 471 के तहत और पासपोर्ट एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज किया है।

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कौन है महाकुंभ की मोनालिसा ? जो सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के महाकुंभ में चर्चे साधुओं के होने चाहिए लेकिन इस बार सुर्खियों में कभी आईआईटियन अभय सिंह होते हैं, कभी एंकरिग छोड़कर शिष्या बनी हर्षा रिछारिया कुंभ का सबसे चर्चित चेहरा हो जाती हैं. इसी फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ा है मोनालिसा का. नाम से आपको लग रहा होगा कि क्या ये लड़की विदेश से यहां कुंभ मेले में आई है. लेकिन जब हम आपको मोनालिसा के बारे में बताएंगे तो आप चकित हो जाएंगे.

ब्राउन आंखों वाली लड़की सोशल मीडिया पर छाई

‘मोनालिसा’ की पेंटिग की तरह ही बेहद खूबसूरत मोनालिसा महाकुंभ की ब्राउन आंखों वाली लड़की के नाम से सोशल मीडया पर ट्रेंड कर रही है. लोग उसके वीडियो बनाने के साथ सेल्फी लेने उसे तलाश रहे हैं. सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे इस लड़की के वीडियो को दुनिया की खूबसूरत लड़कियों में से एक कहा जा रहा है. कौन है ये मोनालिसा और नीली आंखों वाली लड़की कुंभ में आई क्यों है.

ब्राउन आंखें, हाथ में पीली नीली माला

महाकुंभ में ब्राउन आंखों वाली लड़की मोनालिसा के वीडियो खूब देखे और सराहे जा रहे हैं. मोनालिसा ना किसी आश्रम में रुकी हैं. ना किसी महामंडलेश्वर की शिष्या हैं. मोनालिसा साधू संतों को मालाएं बेचने के लिए इस महाकुंभ में आई हैं. केवल प्रयागराज ही नहीं काशी से लेकर गुजरात तक हर जगह ये रंग बिरंगी मालाएं लेकर साधु संतों के डेरे में पहुंचती हैं. पहली बार फेसुबक और इंस्टाग्राम पर ही मोनालिसा के वीडियो देखे गए और फिर वायरल हो गए. इनमें ज्यादातर वीडियो आम लोगों ने ही बनाए हैं. जो इस वीडियो में मोनालिसा से पूछते हैं कि आखिर उसके यहां आने की वजह क्या है.

जगह-जगह मालाएं बेचती है मोनालिसा

इस पर मोनालिसा जवाब देती है कि, ”वो यहां साधू संतों को मालाएं बेचने आई हैं. उसके हाथ में कई सारी रंगबिरंगी मालाएं होती हैं.” कई वीडियो बनाते हुए मोनालिसा से कहते हैं कि आप बेहद खूबसूरत हैं. कई सिर्फ एक सैल्फी के लिए मोनालिसा के पीछे पीछे घूमते हैं. मोनालिसा बताती हैं कि, ”वे यहां साधू संतों को मालाएं बेचने आई हैं और देश में जितनी धार्मिक नगरी हैं, जहां भी धार्मिक समागम होता है वो मालाएं बेचने पहुंचती है.

मोनालिसा का करना हुआ मुश्किल

मोनालिसा वायरल होने के बाद भी कुंभ में माला बेचने का काम कर रही थी। लेकिन उनके पास हर समय लोगों की भीड़ लगी रहती। यूट्यूबर्स उनके साथ वीडियो बनाने के लिए आने लगे। जिसकी वजह से मोनालिसा अपना काम नहीं कर पा रही थी। इस दौरान वह माला बेचने के लिए निकलती तो वह मास्क और काला चश्मा लगाकर निकलती थी, ताकि लोग उसको पहचाने नहीं। लेकिन लोग फिर भी सेल्फी और वीडियो बनाने के लिए पीछा नहीं छोड़ रहे थे।

 

 

 

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