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प्रादेशिक

राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता ने की आत्महत्या, कांग्रेस ने ईडी पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

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सीहोर। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के माता-पिता न फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। लगभग आठ दिन पहले ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से वह मानसिक तनाव में थे। उनके बच्चों ने आरोप लगाया है कि ईडी के दबाव के कारण उनके माता-पिता ने आत्महत्या की।

वहीं कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय पर मनोज को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार सीहोर के आष्टा में रहने वाले मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव शुक्रवार की सुबह फांसी के फंदे से लटके मिले। प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या बताया जा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और जांच कर रही है। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।

ज्ञात हो कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मनोज के बच्चों ने अन्य बच्चों की टीम के साथ गुल्लक भेंट की थी। उसके बाद से मनोज चर्चा में थे। अभी हाल ही में मनोज के इंदौर और आष्टा के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी और दस्तावेज भी जब्त किए थे। मनोज और उनकी पत्नी द्वारा आत्महत्या किए जाने पर कांग्रेस ने हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मनोज और उनकी पत्नी के आत्महत्या करने पर ईडी पर हमला बोलते हुए कहा, “आष्टा के मनोज परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था।

मनोज परमार के बच्चों ने राहुल गाधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी। मनोज के घर पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी। मनोज के अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है। मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी। लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली। मैं इस प्रकरण में ईडी डायरेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।”

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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