उत्तर प्रदेश
पैरोल खत्म, परिवार से मिलकर कासगंज जेल के लिए रवाना हुआ अब्बास अंसारी
गाजीपुर। अब्बास अंसारी को आज खास सुरक्षा इंतजाम के बीच गाजीपुर जेल से कासगंज जेल के लिये रवाना कर दिया गया है। अब्बास अंसारी को कस्टडी पैरोल आज खत्म हो गई है। अब्बास अंसारी को अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था।
उसको 10 अप्रैल को गाजीपुर जेल लाया गया था। इस दौरान वह मुख्तार अंसारी के फातिहा कार्यक्रम मे शरीक हुआ। वह तीन दिनों से गाजीपुर जेल में था। शुक्रवार को उसकी पत्नी निकहत अंसारी और भाई उमर अंसारी ने उससे जेल में मुलाकात की थी। तीन दिनों की पैरोल खत्म होने के बाद अब्बास शनिवार को कासगंज जेल पहुंचेगा।
जेल के अधिकारियों ने बताया कि अब्बास तीन दिनों के दौरान दिन पूरी तरह से जेल में ही रहा। सिर्फ 10 अप्रैल को वह परिवार के साथ रहा और पिता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद हुए धार्मिक रीति-रिवाजों में शामिल हुआ। बेटे से प्यार-दुलार किया और परिवार, रिश्तेदार व जान-पहचान के लोगों से मिला।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक उसने मीडिया से दूरी बनाकर रखी और कोई बयान नहीं दिया। परिजनों से भी आवश्यक दूरी बनाकर रखी। 10 अप्रैल की रात करीब 8 बजे अब्बास को फिर गाजीपुर जिला जेल में दाखिल कराया गया था। 11 और 12 अप्रैल को अब्बास को गाजीपुर जिला जेल में रखा गया। 12 अप्रैल को अब्बास की पत्नी निकहत अंसारी और उसके छोटे भाई उमर अंसारी जेल में उससे मिलने पहुंचे।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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