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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में धूमधाम से मनाया गया पार्थसारथी राजगोपालाचारी का जन्मोत्सव

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लखनऊ। लखनऊ के श्रीराम चंद्र मिशन के हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आज पूज्य श्री पार्थसारथी राजगोपालाचारी जी का 95वें जन्मोत्सव मनाया गया। वे चारीजी के नाम से भी जाने जाते हैं। चारीजी के जन्मोत्सव पर इंस्टीट्यूट में तीन दिवसीय मेडिटेशन वर्कशाप का भी आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से लोग हिस्सा लेने आए। साथ ही लोगों के रहने और खाने का भी इंस्टीट्यूट में पूरा इंतजाम किया गया।

इसके अलावा जन्मोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चों ने अपनी अद्भुत और मासूमियत से भरी कला का प्रदर्शन किया। जहां वे रंग-बिरंगे परिधानों में नजर आए और पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक किया। बच्चों ने श्लोक, हिंदी कविता भाषण, एकल एवं सामूहिक नृत्य, नाटक व विभिन्न प्रकार के अभिनय प्रस्तुत कर अपनी कला का परिचय दिया।

कार्यक्रम के आखिर में बच्चों ने जन्मदिवस गीत के जरिए चारी जी को बर्थडे विश किया। वहीं चारी जी के जन्मोत्सव पर बड़ी तादाद में लोग मेडिटेशन करते नजर आए। इस दौरान कार्यक्रम के बारे में लोगों ने अपने विचार भी साझा किए। इसके अलावा जन्मोत्सव पर संस्थान की ओर से पौधे लगाए गए ताकि किसी को कोई कष्ट न हो और संसार हरा भरा रहे।

बता दें कि हार्टफुलनेस एक ऐसी संस्थान है, जो ध्यान और योग के जरिए लोगों की लाइफस्टाइल को बदलने का कार्य कर रही है। इसकी स्थापना श्रीरामचंद्र मिशन के नाम से सन् 1945 में हुई थी, जिसका उदेश्य शांति, खुशी और बेहतर स्वास्थ प्रदान करना था। इसके मार्गदर्शक कमलेश डी पटेल हैं।

कमलेश पटेल को दाजी के नाम से भी जाना जाता है, जिनके मार्गदर्शन में हार्टफुलनेस के 160 देशों में कुल 5 हजार से भी ज्यादा सेंटर्स खोले जा चुके हैं, जहां पर हजारों-लाखों कॉलेज स्टूडेंट्स और 1 लाख से ज्यादा प्रोफेशनल्स मेडिटेशन कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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