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मुख्य समाचार

ममता के पीएम पर दिए बयान से सांसत में पार्टी नेता, नहीं दे पा रहे जवाब

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कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान से राजनीतिक कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है, वहीं ममता की पार्टी के नेता बयान को लेकर मीडिया के सवालों से बचते नजर आए।  दरअसल, कल सोमवार को ममता बनर्जी ने बंगाल में सीबीआई व ईडी के दुरुपयोग के खिलाफ राज्य विधानसभा में पारित प्रस्ताव के पूर्व चर्चा में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि पीएम नरेंद्र मोदी इस सबके पीछे हैं।

अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को यह ‘क्लीनचिट’ क्यों दी? इससे पहले बनर्जी ने आरएसएस की भी तारीफ की थी। बनर्जी के बयानों के निहितार्थ पर जब आज टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय से सवाल पूछा गया तो उन्होंने किनारा कर लिया।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने केंद्रीय एजेंसियों की कथित ज्यादतियों के खिलाफ कल एक संकल्प पारित किया गया था। इस पर चर्चा के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा था- ‘मैं पीएम मोदी से अपील करती हूं कि केंद्र सरकार का एजेंडा और उनकी पार्टी के हितों का आपस में घालमेल न हो। केंद्र सरकार तानाशाह की तरह बर्ताव कर रही है। यह संकल्प किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसियों के पक्षपातपूर्ण कामकाज के खिलाफ है।’

सदन में भाजपा के विरोध के बावजूद संकल्प पारित हो गया। संकल्प के पक्ष में 189 और विरोध में 69 वोट पड़े। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने चर्चा में कहा कि सीबीआई और ईडी के खिलाफ ऐसा संकल्प विधानसभा के नियमों का उल्लंघन है।

सौगत रॉय ने कही यह बात

ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी को परोक्ष क्लीनचिट पर आज टीएमसी सांसद सौगत रॉय से मीडिया ने सवाल किए। इस पर रॉय ने कहा, ‘देखिए, कल विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया कि सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रस्ताव पर हमारी मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सीबीआई-ईडी की कार्रवाई प्रधानमंत्री के निर्देश पर नहीं हो रहा है बल्कि बंगाल के स्थानीय नेता की इजाजत से हो रहा है। इसका क्या पोलटिकल संदेश है ये टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही बताएंगी।‘

संघ की तारीफ में क्या कहा था ममता ने?

इससे पहले ममता बनर्जी ने आरएसएस की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि आरएसएस इतनी बुरी है। संघ में अभी कुछ लोग हैं जो भाजपा की तरह नहीं सोचते। एक दिन यह सब्र जरूर टूटेगा।‘

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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