प्रादेशिक
पटना में डेंगू का कहर बढ़ा, 72 घंटे में इतने केस आए सामने
पटना। बिहार में कोविड-19 के मामले भले ही कम हो रहे हों, लेकिन राज्य की राजधानी में डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पटना में सिविल सर्जन के कार्यालय के अनुसार, शहर के बाहरी इलाके पंडारक के एक बच्चे की मंगलवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण मौत हो गई।
बच्चे को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। बख्तियारपुर के पास करौता गांव का एक और बच्चा भी जापानी इंसेफेलाइटिस से पॉजिटिव पाया गया है। उसे भी पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था।
जापानी इंसेफेलाइटिस के अलावा बिहार में भी डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पटना में अब तक डेंगू के 57 और चिकनगुनिया के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
पटना के सिविल सर्जन डॉ.प्रमोद झा ने कहा कि मौसम के बदलाव के कारण बड़ी संख्या में मच्छर पनप रहे हैं। लोगों को अगले दो महीनों में एहतियात बरतने की जरूरत है। शीतकालीन सत्र के आगमन के दौरान डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ सकते हैं।
डॉक्टर का कहा है कि हमने पटना नगर निगम को इलाकों में फॉगिंग शुरू कराने का निर्देश दिया है। पटना में कंकड़बाग, दानापुर, दीघा, पत्रकार नगर, यारपुर, जक्कनपुर और गरदानीबाग जैसे कई स्थान हैं, जिन्हें निचले इलाके माना जाता है, जहां पानी जमा होता है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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