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पटना: जुमे की नमाज के बाद लगे ‘अतीक अहमद अमर रहे’ व ‘मोदी-योगी मुर्दाबाद’ के नारे
पटना। पटना में माफिया अतीक अहमद के समर्थन में नारे लगे हैं। पटना जंक्शन के पास एक मस्जिद में नमाज के बाद ‘अतीक अमर रहे’ की नारेबाजी की गई।
जानकारी के अनुसार, पटना जंक्शन के पास मस्जिद में जुमे की नमाज अता करने के बाद जब लोग निकल रहे थे, तब वहां कुछ यूट्यूबर्स ने यूपी के अतीक अहमद और अशरफ के शूटआउट प्रकरण पर राय मांगी। इस दौरान कुछ लोग ‘अतीक अहमद अमर रहे’ के नारे लगाने लगे। इसके साथ ही, लोगों ने ‘मोदी-योगी मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए।
मामले को लेकर थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की चेष्टा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। वरीय अधिकारियों से अनुमति लेकर सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की चेष्टा करने के आरोप में यूट्यूबर्स पर भी प्राथमिकी की जाएगी।
भाजपा ने सरकार को बताया नकारा, नारे पर दी प्रतिक्रिया
पटना में हुई नारेबाजी पर प्रतिक्रिया भी आने लगी है। बिहार भाजपा ने अपने ट्विटर पर पोस्ट कर घटना पर प्रतिक्रिया दी है । भाजपा ने इसके लिए नीतीश सरकार को ही जिम्मेदार बताया है। उन्होंने ट्वीट किया ‘जब सरकार में बैठ गए हो नकारे, तो माफियाओं का क्यों ना लगे नारे!’
गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को उप्र के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन अस्पताल लाया गया था।
हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। इस दौरान आरोपियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए। पुलिस ने हमलवारों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के रूप में हुई।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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