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पीएम मोदी ने दी नसीहत- जुबान न फिसले, विकास के मुद्दे पर टिके रहें

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नई दिल्ली। राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर में भाजपा की तीन दिवसीय (19, 20 और 21 मई) राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअली संबोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी लोगों को विकास के मुद्दे पर डटे रहा है और कोई कितना भी भटकाने की कोशिश कर ले, हमें उनके जाल में नहीं फंसना है।

नेताओं और कार्यकर्ताओं को वाणी पर भी नियंत्रण रखने की नसीहत देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जुबान को इधर-उधर फिसलने नहीं देना है। कोर मुद्दों पर काम करना है। हमें कभी भी भटकना नहीं है। मैं आपको सतर्क करूंगा कि आपको विकास से जुड़े मुद्दों से भटकाने की लाख कोशिशें होंगी, लेकिन आपको देश के विकास के विषयों पर ही टिके रहना है।’

इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर ईको सिस्टम की बात की। उन्होंने कहा, ‘हम देखते हैं कि कुछ पार्टियों का ईको सिस्टम देश को मुख्य मुद्दों से भटकाने में लगा हुआ है। हमें कभी भी ऐसी पार्टियों के जाल में नहीं फंसना है।

उन्होंने कहा मैं जानता हूं कि आप अपने संबोधन में कहते हैं कि हमारी सरकार ने 2014 के बाद ये काम किए हैं तो वह बात अखबार में पहले पेज पर नहीं छपेगी। आप जब आयुष्मान कार्ड और जन औषधि केंद्रों की बात करें तो शायद मीडिया में न आएं।

आप जब हर जल नल, डिजिटल क्रांति की बात करेंगे तो शायद मीडिया में जगह न मिले। आप पीएम संग्रहालय बनाएंगे तो शायद आंखें ही मूंद ली जाएं। फिर भी आपको विकास के मुद्दों पर डटे रहना है।

भाजपा कार्यकर्ताओं को दिया टास्क

इस दौरान पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को एक टास्क भी दिया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के करोड़ों सदस्य हैं, लेकिन हमें ठहरना नहीं है। सदस्यता के अभियान को गति देनी है और आकांक्षी युवाओं को पार्टी में जोड़ना है। उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर जनता को जागरुक करने का भी आह्वान किया।

पिछली सरकारों ने देश को सिस्टम को किया था बीमार

पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों में हाल ऐसा था कि लोग मान चुके थे कि देश का सिस्टम बीमारी का शिकार हो गया है और हमें इसके साथ ही जीना होगा। लोगों की सोच मजबूरन ऐसी हो गई थी कि अब कोई सहारा नहीं है, अब तो इसी में गुजारा होना है।

उनकी न तो सरकार से कोई उम्मीद थी और न ही सरकारें उनके प्रति कोई जवाबदेही समझ रही थीं। देश की जनता ने 2014 में एक नया इतिहास लिखने का फैसला किया था। उसके बाद भाजपा देश को इस सोच से बाहर निकाल कर लाई है। आज हिंदुस्तान का नागरिक काम होते देखना चाहता है, परिणाम चाहता है। राजनीतिक नफा-नुकसान से अलग मैं इसे जनता में आया सकारात्मक बदलाव मानता हूं।

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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