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पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में बोले पीएम मोदी- TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं

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कोलकाता। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम बंगाल के मथुरापुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के निशाने पर टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं। उन्होंने कहा है कि टीएमसी पूरी तरह बौखलाई हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का ये लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग है, अद्भुत है. ये चुनाव खुद आगे बढ़कर देश की जनता लड़ रही है क्योंकि, उसी जनता ने 10 साल की विकास यात्रा भी देखी है और 60 वर्षों की दुर्गति भी देखी है. देश के करोड़ों गरीब जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. भारत जैसे देश में भुखमरी की खबरें आम होती थीं. करोड़ों लोगों के सिर पर छत नहीं थी. महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थीं. पीने के लिए पानी नहीं था. 18 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी. उद्योगों के लिए संभावनाएं भी नहीं थीं. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये भी था कि सुधार के लिए चर्चा भी नहीं होती थी.

उन्होंने कहा कि TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं. बीजेपी से बंगाल के लोगों का प्यार टीएमसी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए टीएमसी बुरी तरह बौखलाई हुई है. अब टीएमसी के पास मोदी की पहल में बाधा डालना ही एकमात्र हथियार बचा है. महिला हेल्पलाइन केंद्रों से लेकर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार तक, टीएमसी इस क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करती है. बंगाल के लोग टीएमसी के घिनौने इरादों की कीमत चुका रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीएमसी की जिद का बहुत बड़ा नुकसान इस क्षेत्र के लाखों मछुआरों को हो रहा है. केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के लिए इतनी सारी योजनाएं चला रही है. हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी, पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू की, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया गया, लेकिन यहां भी टीएमसी सरकार का वही रवैया रहा कि हम ये होने नहीं देंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी बंगाल की पहचान को खत्म करने में लगी है. ये बंगाल के मठों को, साधु संतों तक को नहीं छोड़ रहे. ये पार्टी इस्कॉन, रामकृष्ण मठ और भारत सेवाश्रम जैसी संस्थाओं को गाली दे रही है. इनके गुंडे मठों पर हमला कर रहे हैं.

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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