प्रादेशिक
15 जुलाई को पीएम मोदी का वाराणसी दौरा, 142 परियोजनाओं की देंगे सौगात
वाराणसी। विकास के रथ पर सवार वाराणसी की सूरत अब बदलने लगी है। विकास के रथ को तेज गति दिया है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने, जिनके निर्देशन और निगरानी में काशी विकास के कई नए आयाम छू रहा है। शहर की बुनियादी सुविधाएं सुधर रही हैं। रोज़गार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। यातायात के लिए रोड,रिंग रोड, और कई आरओबी बन रहे हैं,पार्किंग की सुविधा, पर्यटन उधोग, अन्य उधोगो के लिए अवसर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसे अनेकों काम से शहर का कायाकल्प हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 15 जुलाई की प्रस्तावित यात्रा है। इस दौरान प्रधानमंत्री कऱीब 744.02 करोड़ की पूरी हो चुकी योजनाओं का लोकार्पण करेंगे और 838.91 करोड़ की योजनाओं शिलान्यास करेंगे। भारत जापान मैत्री का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का भी लोकार्पण होगा। इस मौके पर जापान के प्रतिनिधि मौज़ूद रहने की सम्भावना है। रुद्राक्ष के उद्घाटन पर जापान के प्रधानमंत्री का ऑडियो विजुअल सन्देश सुनाए जाने की भी सम्भावना है। शिव लिंग के आकार रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर जापान के मदद से बना है जिसकी लागत 186 करोड़ है।
रुद्राक्ष को भारतीय और जापानी शैली में सजाया जाएगा। इसके लिए जापानी फूल,जापानी हांथ के पंखे, जैपनीज़ बम्बू आदि का प्रयोग किया जाना है। केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (सिपेट) का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर (सीएसटीसी) का शिलान्यास करेंगे जिसकी लागत 40.10 करोड़ है। सीएसटीसी के बनने से पूर्वांचल में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के उद्घाटन से अब पूर्वांचल के लोगों को चेन्नई और दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा,सस्ते में वाराणसी में ही इलाज हो पाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं को भी मजबूत करने के लिए पीएम मोदी एमसीएच समेत कई योजनाओ का भी उद्घाटन करेंगे।
इसके अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्रूज़ और रो-रो का उद्घाटन होगा। काशी की कला और संस्कृति को देखने के लिए कल्चरल अपलिफ्टमेंट के तहत शहर में लगे 6 एलईडी टीवी का, घाटों की जानकारी देने वाले कई तरह के साइनेज का उद्घाटन भी होना है। पेयजल और स्वास्थ्य सम्बंधित कई योजना भी सम्मलित हैं। वहीं वाराणसी को जाम से निजात दिलाने के लिए पीएम मोदी गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग व आशापुर आरओबी का भी लोकार्पण करेंगे।
लोकार्पण होने वाली प्रमुख संभावित योजनाएं
– भारत जापान मैत्री का प्रतीक रुद्रक्षा कन्वेंशन सेंटर भी है।
– रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर-186 करोड़
– गोदौलिया मल्टीलेबल पार्किंग-19.55 करोड़
– पुरानी सीवर लाइन का सीआइपीपी लाइनिंग जीर्णोद्धार-21.09 करोड़
– वाराणसी शहर में सीवर जीर्णोद्धार कार्य-8.12 करोड़
– चार पार्को का सौंदरीकरण- 4.45 करोड़
– बीएचयू में 100 बेड एमसीएच विंग- 45.50 करोड़
– चार स्कूल एवं कालेज में तीन महिला छात्रावास, क्लास व लैब-5.79 करोड़
– गंगा नदी में पर्यटन विकास के लिए दो रो-रो वेसल्स संचालन- 22 करोड़
– राजघाट से अस्सी तक क्रूज़ जलयान का संचालन-10.72 करोड़
– 84 घाटों पर सूचना पट्ट का स्थापन कार्य- 5.08
– पंडित दीनदयाल जिला अस्पताल पांडेयपुर में 50 बेड करोड़ एमसीएच विंग- 17.39 करोड़
– रामेश्वर में पर्यटन विकास का कार्य – 8 करोड़
– बीएचयू में रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आफ थैल्मोलाजी का निर्माण – 29.63 करोड़
– पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के 33.91 किमी मार्ग का चौड़ीकरण एवम सौंदर्यीकरण -62.04 करोड़
– श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर में आवासीय भवन का निर्माण -11.97 करोड़
– वाराणसी-गाजीपुर मार्ग 03 लेन उपरिगामी सेतु- 50.17 करोड़
– 14 विभिन्न अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में पी एस ए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट -11 करोड़
– श्यामा प्रसाद मुख़र्जी रूर्बन मिशन अंतर्गत दो पेयजल परियोजना – 7. 72 करोड़
– पीएसए आक्सीजन जनरेशन- 11 करोड़
– राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन योजनान्तर्गत 2 पेयजल परियोजना – 4.83 करोड़
– बीएचयू में 80 टीचर रेजिडेंशियल फ्लैट का निर्माण- 46.71 करोड़
– विश्व बैंक सहायतित नीर निर्मल परियोजना बैच – दो अंतर्गत 11 पेयजल परियोजना – 61 करोड़
– मच्छोदरी स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल एवम स्किल डेवलपमेंट सेंटर परियोजना- 14 .21 करोड़
– राजकीय महिला पॉलिटेक्निक वाराणसी में आईटी ब्लॉक,क्लास लैब एवं आवासीय भवनों का निर्माण कार्य – 4 . 39 करोड़
– 18 ग्रामीण संपर्क मार्ग एवम 1 शहरी संपर्क मार्ग (कुल लम्बाई 86. 94 किलोमीटर) का मरम्मत, चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण 53. 43 करोड़
– कृषि विज्ञानं क्रेन्द्र कल्लीपुर वाराणसी का निर्माण -2.40 करोड़
– ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र 4.45 करोड़
– केंद्रीय कारागार वाराणसी के मुख्या नए प्राचित्र का निर्माण 17. 51 करोड़
– शिलान्यास की सूची में शामिल मुख्य संभावित परियोजनाएं
– केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (सिपेट) का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर (सीएसटीसी) महगांव में – 40.10 करोड़
– आइटीआइ महगांव – 14.16 करोड़
– राजघाट प्राथमिक विद्यालय आदमपुर जोन का पुनर्विकास -2.77 करोड़
– वाराणसी नगर के सिस वरुणा क्षेत्र में वाटर सप्लाई स्किम प्रायरटी -1 के सुंदरीकरण का कार्य 108.53 करोड़
– ट्रांस वरुणा में वाटर सप्लाई परियोजना पर स्काडा ऑटोमेशन – 19.49 करोड़
– वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भेलूपुर में 2 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट – 17.24 करोड़
– वाराणसी नगर के सिस वरुणा क्षेत्र में पेयजल सञ्चालन के लिए आवश्यक कार्य -741 करोड़
– कोनिया घाट क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाना से जुड़ी परियोजना – 15.03 करोड़
– वाराणसी नगर के घाट पर पंपिंग स्टेशन, सीवेज पंपिंग स्टेशन एसटीपी पर स्काडा ऑटोमेशन एवम ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम का निर्माण आदि – 9.64 करोड़
– कोनिया पंपिंग स्टेशन पर 0.8 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट एवम ग्रिड कनेक्शन की स्थापना – 5.89 करोड़
– वाराणसी नगर के मुकीमगंज व मच्छोदरी क्षेत्र के अंतर्गत ट्रेंचलैस विधि से सीवर लाइन बिछाने एवं तत्संबधित काम – 2.83 करोड़
– लहरतारा चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे अरबन प्लेस मेकिंग-8.50 करोड़
– करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में मैंगो एवं वेजिटेबल इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण – 15.78 करोड़
– पुलिस लाइन में ट्रांजिट हास्टल 02 ब्लॉक (जी +12), का निर्माण तथा आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन सेक्टर इकाई वाराणसी के कार्यालय भवन का निर्माण – 26.70
– रायफल एवं पिस्टल शूटिंग रेंज का निर्माण – 5.04 करोड़
– 47 ग्रामीण संपर्क मार्ग कुल लंबाई 152. 092 किलोमीटर का नवीनीकरण मरम्मत कार्य, चौड़ीकरण एवं सुंदरीकरण – 111.26 करोड़
– जलजीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रो में हर घर नल से जल योजना का काम – 428.54 करोड़
उत्तर प्रदेश
निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।
वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह
महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम
इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।
बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
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