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प्रादेशिक

सीएम योगी की पहल पर कुशीनगर में 20 से शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा, पीएम करेंगे शुभारंभ

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गोरखपुर। भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की डायरेक्ट इंटरनेशनल कनेक्टिविटी होने जा रही है। इसके साथ ही यहां विकास को नई रफ्तार मिलेगी तो पर्यटन क्षेत्र को भी पंख लग जाएंगे। विदेशी पर्यटकों को सीधी उड़ान की सुविधा मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक संबंध भी और मजबूत होंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह सब संभव होगा 20 अक्टूबर से, जब यूपी के तीसरे क्रियाशील कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध पर ही कुशीनगर एयरपोर्ट को वर्ष 2020 में केंद्रीय कैबिनेट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान सेवाओं के लिए मान्यता दी थी। अब उनकी ही पहल पर इस हवाई अड्डे के 3.2 किमी लंबे रनवे से पहली उड़ान (लैंडिंग व टेकऑफ) भी अंतरराष्ट्रीय होगी। 20 अक्टूबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति का विमान 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ लैंड करेगा। उनके साथ कई बौद्ध भिक्षु भी रहेंगे। वास्तव में यह एयरपोर्ट पूरी दुनिया में रहने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी योगी सरकार की तरफ से बड़ा उपहार है।

भगवान बुद्ध के उपासकों की संख्या श्रीलंका, थाईलैंड, जापान, वियतनाम, भूटान, म्यामांर, कम्बोडिया, मंगोलिया, सिंगापुर, लाओस, उत्तरी व दक्षिणी कोरिया समेत कई देशों मे बहुतायत में है। उनके लिए भगवान बुद्ध से जुड़े स्थल उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। चूंकि कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है, इसलिए इस तीर्थ पर आने की मंशा हर बौद्ध अनुयायी की होती है। अबतक उन्हें देश के अलग अलग रास्तों से होकर यहां आना पड़ता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से वे अब सीधे यहां पहुंच सकेंगे। जब बड़ी संख्या में ये बौद्ध मतावलंबी आएंगे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के सांस्कृतिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

पर्यटन क्षेत्र से सृजित होंगे रोजगार के अवसर

नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में नए कुशीनगर की तस्वीर देश के पर्यटन नक्शे पर और निखर उठेगी। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के क्रियाशील होने के साथ ही कुशीनगर के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली का दर्शन करने आने वाले विदेशी मात्र 50 किमी की दूरी पर स्थित गोरखपुर में विश्व प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर, खूबसूरत रामगढ़ताल, चिड़ियाघर आदि का भी भ्रमण करने आएंगे। विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़ने से रोजगार के कई अवसर भी सृजित होंगे।

निवेश की संभावना भी बढ़ेगी

मजबूत एयर कनेक्टिविटी होने से कुशीनगर व आसपास के जिलों में निवेश की संभावना भी खूब बढ़ेगी। यूपी सरकार द्वारा किए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सीधे विदेशियों की नजर में भी आएगा। जमीन और मानव संसाधन की सहज सुलभता के साथ प्रदेश सरकार की औद्योगिक विकास नीति से निवेशक यहां आने के लिए आकर्षित होंगे।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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