उत्तर प्रदेश
अतीक के गैंग IS-227 का नया चार्ट बना रही पुलिस, बेटा अली हो सकता है सरगना
प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के बाद बदले हालात में पुलिस अतीक अहमद गिरोह का नया गैंग चार्ट तैयार कर रही है। अतीक, अशरफ और चार अन्य के मारे जाने के बाद गिरोह के चार्ट में बदलाव किया जाना पुलिस जरूरी समझ रही है।
अतीक के खात्मे के बाद अब आपराधिक घटनाओं में सक्रियता को देखते हुए गैंग सरगना के तौर पर पुलिस अली का नाम जोड़ सकती है। इधर, कई और अपराधियों का नाम तेजी से उभरा है, जिन्हें गैंग के सदस्य के तौर पर जोड़ने पर विचार हो रहा है।
गैंग के सौ से अधिक अपराधियों को किया गया चिह्नित
पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे अतीक अहमद का अंतरराज्यीय गिरोह आइएस-227 दो दशक पहले पंजीकृत किया गया था। अतीक को गिरोह का सरगना तो अशरफ, आबिद, फरहान, मल्ली, जुल्फिकार तोता जैसे करीब सवा सौ अपराधियों को गिरोह का सदस्य चिह्नित किया गया।
उमेश पाल की 24 फरवरी को हत्या के बाद पूछताछ के लिए जेल से कस्टडी पर लिए गए अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ को 15 अप्रैल की रात काल्विन अस्पताल परिसर में तीन शूटरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था।
नए सिरे हो रही समीक्षा
गिरोह के सरगना और सदस्यों के मारे जाने के बाद अब अतीक के गैंग चार्ट की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। नया गैंग चार्ट बनेगा तो उसमें अतीक की जगह सरगना कोई और होगा और सदस्यों के नाम भी जोड़े तथा काटे जाएंगे।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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