उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिसवाले ने की बाइक चुराने की कोशिश, वायरल हुआ वीडियो
चोरों को चोरी करते हुए देखना और सुन्ना एक आम बात है। पुलिसवालों की ड्यूटी होती है चोरों को पकड़ना और चोरी की वारदातों पर रोक लगाना। देश में लग़भग हर दिन किसी न किसी कोने में चोरिया होती ही हैं। पर जब पुलिस वाले ही चोर बन जाएं तो कौन दबोचेगा चोरों को, आखिर कैसे रुकेंगी चोरी की घटनाएं ?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में एक पुलिस अफसर चोरी करता हुआ दिख रहा है। जी हाँ, आपको जान कर अचम्भा हो जाएगा की इस पुलिस वाले ने रोड पर खड़ी एक बाइक को चुराने की कोशिश की। ये पुलिसवाला पहले तो उस बाइक पर बैठा हुआ नज़र आता है। वो किसी तरह से बस बाइक को स्टार्ट करने की कोशिश करता है। वो किसी और गाड़ी की चाभी की मदद से उसे स्टार्ट करने में कामियाब हो जाता है।
जैसे ही बाइक स्टार्ट होती है, वो उसका स्टैंड हटा कर उसपर बैठ कर उसे ले जाने ही वाला होता है की तभी वहां कुछ लोग आ कर उसे रोकते हैं। वो कहते हैं ना, चोरी छुपाए नहीं छुपती, पुलिसवाले को रोकने वाले लोग और कोई नहीं बल्कि उस बाइक के असली ओनर मालूम होते हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर ज़ोरों से ट्रेंड कर रहा है। इससे पुलिस प्रशासन और यूपी पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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