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मुख्य समाचार

याकूब मेमन की कब्र पर सियासी संग्राम, भाजपा ने की माफ़ी की मांग

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मुंबई। 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में सियासी संग्राम छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने पिछली उद्धव ठाकरे सरकार पर कब्र को मजार में बदलने और सौंदर्यीकरण के आरोप लगाए है। पार्टी ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल रहे राकांपा और कांग्रेस से भी माफी की मांग की है।

भाजपा नेता राम कदम ने ट्वीट किया, ‘उधव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। उस काल में मुंबई में पाकिस्तान के इशारे पर 1993 में बम कांड करने वाला खूंखार आतंनवादी याकूब मेमन की कब्र मजार में तब्दील हो गई। यही है इनका मुंबई से प्यार, यही इनकी देश भक्ति? उधव ठाकरे समेत शरद पवार तथा राहुल गांधी माफी मांगे मुंबई की जनता की।’

उन्होंने ट्वीट के जरिए कब्र की दो फोटो भी शेयर की हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पहले मजार किस तरह की दिखती थई, लेकिन अब कैसी नजर आ रही है। कदम की तरफ से साझा तस्वीर के अनुसार, नई तस्वीर में कब्र पर मार्बल और लाइट्स नजर आ रही हैं। जबकि, पुरानी तस्वीर इससे अलग है।

एक चैनल से बातचीत में उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘बदली हुई सरकार में आतंकवादी की जगह जो होनी चाहिए वही जगह दिखाई जाएगी।’ बता दें कि मेमन को 30 जुलाई 2015 को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई थी। उसके भाई टाइगर मेमन भी सिलसिलेवार धमाकों में मुख्य आरोपी है।

मजार से हटाई गई लाइटिंग

इस बीच, मुंबई के मरीन लाइंस रेलवे स्टेशन के सामने स्थित बड़े कब्रिस्तान में याकूब मेमन की मजार पर की गई लाइटिंग की व्यवस्था को हटा दिया गया। मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है कि आखिर कब्र को मजार का रूप किसने दिया और वहां लाइटिंग के प्रबंध किसके कहने पर किए गए।

कहा जा रहा है कि मार्च में शब-ए-बारात के वक्त याकूब की कब्र पर रोशनी की गई थी। उधर, विहिप ने मांग की है कि याकूब मेमन की पूरी कब्र को तोड़ देना चाहिए। आतंकी की कब्र पर लाइटें लगाना आतंकवाद को समर्थन की तरह है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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