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उत्तर प्रदेश

जाति व वादों के आधार पर बांटने वाली राजनीति से नहीं होगा कल्याण: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नवनिर्माण को संकल्पित सीएम योगी ने राज्य की पारंपरिक कलाओं, ओडीओपी समेत विभिन्न सेक्टर्स में कार्यरत हस्तशिल्पियों व कारीगरों की प्रशस्ति की दिशा में एक और ‘मील का पत्थर’ रखा। मंगलवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में विश्वकर्मा श्रम सम्मान व ओडीओपी के अंतर्गत हस्तशिल्पियों व कारीगरों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही एमएसएमई इकाइयों को 50,000 करोड़ का ऋण वितरित किया। कार्यक्रम में हस्तशिल्पियों व कारीगरों के उचित सम्मान के साथ ही प्रदेश की पारंपरिक कला के प्रश्रय देने का नया मार्ग सुनिश्चित हुआ। वहीं, सीएम योगी ने कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया कि जाति व तमाम वादों के आधार पर बांटने की राजनीति से कल्याण नहीं होगा। उनके अनुसार, प्रदेश में शांति व सुरक्षा ही आपके भविष्य को सुधारेगा। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश की सुरक्षा में जो सेंध लगाने का काम करेगा वह परिणाम भुगतेगा, उसे उल्टा लटकाने का कार्य हम करेंगे।
ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 को यूपी के पोटेंशियल को वैश्विक मंच वाला माध्यम करार देते हुए सीएम योगी ने प्रदेश में एमएमएमई कल्चर को और बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के सुझाव दिए। साथ ही, प्रदेश के में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने की बात भी कही।

‘नए भारत’ के शिल्पी हैं प्रधान मंत्री मोदी: योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने कार्यक्रम में कहा कि आज विश्वकर्मा दिवस व अनंत चतुर्दशी है और नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। उनके अनुसार, यह मेरे लिए महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में शुरू की गई योजनाएं लाखों लोगों को लाभ पहुंचाने के साथ ही आय बढ़ाने का माध्यम बन रही है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक उत्पाद पहले प्रदेश में बंदी की कगार पर थे, लोग पलायन कर रहे थे। जब स्वयं हस्तशिल्पी ही संकट में हो तो रोजगार उत्पन्न कहां से लोगा। दंगों, सरकारी लेट लतीफी के कारण पलायन के अलावा उनके पास चारा नहीं था। सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने कमेटी गठित कराई कि पारंपरिक उत्पाद व उद्योग क्या हैं और उनको प्रश्रय देने का कार्य किया गया।

लखनऊ की जरीदोजी व चाट का किया जिक्र

सीएम योगी ने कहा कि लखनऊ की जरीदोजी व चाट, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, फिरोजाबाद की चूड़ियों, बनारस की साड़ियां व दही जलेबी तथा आगरा के पेठा समेत विभिन्न पारंपरिक उत्पादों के उदाहरण हमारे सामने हैं। सीएम योगी के अनुसार, पचहत्तरों जनपदों में उत्पाद देकर हमने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना चलाई थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यूपी दिवस के दिन ये स्कीम शुरू की गई और पीएम मोदी ने भी इसे सराहा था। उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान की योजना 2019 में शुरू की गई थी जिसके जरिए हस्तशिल्पियों के माध्यम से गांव में ही विभिन्न आजीविकाओं के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ। आज की डिमांड के अनुसार उन्हें प्रशिक्षित कर सस्ते दर पर ब्याज उपलब्ध कराकर उसे स्वरोजगार के लिए संबल मिलेगा। सीएम ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि लाखों हस्तशिल्पी इससे प्रभावित हुए हैं और समाज की खुशहाली के लिए कार्य कर रहे हैं।

युवा उद्यमियों के लिए जल्द आने वाली है नई स्कीम

यूपी का जो युवा पहले रोजगार के लिए भागता था, आज उसे अपने जनपद में ही अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। सीएम योगी के अनुसार इसमें बैंकर्स की भी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि यूपी का पैसा यूपी के विकास व युवाओं के रोजगार के लिए खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि ओडीओपी के अंतर्गत कोई भी उद्यम लगाएगा तो 1000 दिन तक एनओसी की आवश्यकता नहीं है। हमने व्यवस्था की कि जो भी इस प्रकार के उद्योग लगेंगे वह एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराएं और उसे पांच लाख रुपए की सुरक्षा बीमा का कवर देंगे। युवा उद्यमी के रूप में एक नई स्कीम आने जा रही है। पहले चरण में पांच लाख और दूसरे चरण में 10 लाख का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कुल 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

आम लोग हैं सुरक्षित, मगर दंगाइयों के आका हैं परेशान: सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि आज न दंगाइयों का पता है और न दंगों का पता है। वह बोले, आज आम नागरिक सुरक्षित हैं मगर उनके आका परेशान हैं। ये लोग आपके रोजगार को ठोकर मारकर वह अपनी रोटियां सेकते थे। उन्होंने कहा कि हमें मानना होगा सुरक्षा भविष्य की पहली आवश्यकता है। पर्व त्योहार व सभी कार्यक्रम सुरक्षित तरीके से मनाए जाएं ये हमारी प्राथमिकता है। पहले की सरकारें लूटो और अपना पेट भरो तक ही सीमित थी। इसी से उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट उत्पन्न हुआ। किसान आत्महत्या करते थे, युवा पलायन करते थे, गरीब भूखे मरते थे, उद्यमी और बेटी सुरक्षा की गुहार लगाते थे ऐसा दृश्य दिखता था। मगर, आज उत्तर प्रदेश का और प्रदेशवासियों का सम्मान बढ़ा है।

हर जनपद में होना चाहिए टूलकिट वितरण कार्यक्रम

सीएम योगी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा इस संसार के शिल्पी हैं और इसीलिए इस दिन हमें हस्तशिल्पी व कारीगरों का सम्मान व टूलकिट वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया। ऐसे ही कार्यक्रम हर जनपद में होना चाहिए। उनके अनुसार, इसके लिए टाइम टेबल तय होना चाहिए। एक वर्ष के अंदर पूरे प्रदेश के हर जनपद के कारीगरों को प्रशिक्षण देने के साथ, कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर बने, पीपीपी मोड से अवगत कराएं और उसकी ब्रांडिंग को लेकर ट्रेनिंग दें। उन्होंने प्रतिदिन हस्तशिल्पियों को मानदेय देने का सुझाव दिया और फिर बड़े स्तर पर लोन मेला आयोजित कराकर लोन देने की अनुशंसा की जिसमें गारंटी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि यूपी एमएसएमी में नंबर एक है और ये हो गया तो प्रदेश ऐसी छलांग लगा देगा कि कोई प्रदेश उसके पास नहीं पहुंच पाएगा।

सीएम योगी बोले: होते रहने चाहिए नवाचार, लकीर का फकीर नहीं बन सकते विभाग

सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में 40 लाख करोड़ का निवेश आया है जो डेढ़ करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा करेगा। ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान व सुरक्षा व्यवस्था का ही श्रेय है कि प्रदेश आज दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था है और जल्द ही वह पहले नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा। इससे हर खेत में पानी, हर हाथ को रोजगार और हर बेटी को सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा वह हर चेहरे पर खुशहाली होगी। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो जैसे आयोजन प्रदेश के अलग अलग कमीश्नरी स्तर पर भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि यूनिटी मॉल के कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाना है तथा टेक्सटाइल पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री व 11 प्लेज पार्क की स्कीम को भी स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा, ऐसे ही नवाचार होने चाहिए, विभाग लकीर का फकीर नहीं हो सकता। उनके अनुसार, हमें निरंतर नई स्कीम के साथ आगे बढ़ना होगा जिससे देश और प्रदेश आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी के विजन में भारत तेजी से आगे आई है। अगले तीन वर्ष में भारत तीसरी बड़ी व्यवस्था बनने जा रहा है, ऐसे में हमें भी विकसित भारत की परियोजना साकार करने के लिए कार्य करना होगा। हर नागरिक अगर इसका पालन करेगा तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।

कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान, प्रमुख सचिव (एमएसएमई) आलोक कुमार, सचिव प्रांजल यादव, आयुक्त एवं निदेशक वी.के पांडियन, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक शरद चांडक समेत एमएसएमई विभाग के पराधिकारी प प्रदेश भर से आए हस्तशिल्पी व कारीगर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में मंत्री राकेश सचान द्वारा सीएम योगी को बजरंग बली की मूर्ति देकर सम्मानित किया गया। आयोजन मे विश्वकर्मा श्रम सम्मान को लेकर एक शार्ट फिल्म भी दिखाई गई।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा

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प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।

वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

कब होंगे पेपर?

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।

 

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