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उत्तर प्रदेश

12 घंटे की बरसात को नहीं झेल सका पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, धंस गई सड़क

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पूर्वांचल एक्सप्रेस वे

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सुलतानपुर। मुश्किल से अभी साल भर पहले प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पित किया गया पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 12 घंटे से अधिक हुई बरसात को नहीं झेल सका। गुरुवार रात सुलतानपुर के हलियापुर में  पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की सड़क धंस गई, और इसमें 15 फिट के गड्ढ़े हो गए।

इस गड्ढ़े में लखनऊ की ओर जा रही कार घुस गई। हालांकि जान का नुकसान नहीं हुआ। कई अन्य गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस पर ये पर यह घटना किमी 83 पर हलियापुर थाना क्षेत्र में हुई है। सूचना पर यूपीडा टीम और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। एक्सप्रेस वे पर आ रही गाड़ियों का डायवर्जन किया गया है।

बता दें कि 16 नवंबर 2021 को पीएम मोदी ने सुल्तानपुर में कूरेभार के अरवल कीरी स्थित एयर स्ट्रिप से इसका लोकार्पण किया था। वैसे 11 माह पूर्व बने इस एक्सप्रेस वे पर सड़क बैठने का ये पहला मामला नहीं है।

मई 2021 में भी तीन दिनों तक हुई बरसात में कुवांसी-हलियापुर के बीच एक्सप्रेस वे के अंडर पास की बीम दरकी थी। अंडरपास की रेलिंग व फुटपाथ की मिट्टी बह गई। सड़क में दरार आ गई है। घटना को लेकर कार्यदायी संस्था यूपीडा के अधिकारी सकते में हैं।

निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा जा रहा है जहां मिट्टी की पटाई हुई है उसमें ज्यादा से ज्यादा पानी डालकर छोड़ना चाहिए था, उसके बाद रोलर चलाकर और मिट्टी डालकर पटाई करनी चाहिए थी।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर कुल छह टोल प्लाजा, 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवर ब्रिज, साथ बड़े सेतु, 118 छोटे सेतु, 13 इंटरचेंज, पांच रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण हुआ है। आपात कालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लैंडिंग/टेक ऑफ के लिए सुलतानपुर में 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का भी निर्माण हुआ है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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