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प्रादेशिक

देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य लगभग पूरा, जल्द भर्राटा भरेंगे वाहन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना की लड़ाई में जीवन बचाने के साथ लोगों की जीविका बचाने का बड़ा काम किया है। सीएम योगी के कुशल नेतृत्व ने सवा साल के दौरान प्रदेश में न तो विकास की गति को रुकने दिया और ट्रेज, टेस्ट और ट्रीट के मंत्र से कोरोना पर अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे पहले जीत हासिल की है। लॉकडाउन के दौरान भी फैक्ट्रियों को खुले रखने के साथ श्रमिकों की दी गई सहूलित सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।

विकास की नई सोच के साथ राज्य सरकार ने प्रदेश में विकास परियोजनाओं को कोरोना काल के दौरान भी जारी रखा। जिसके परिणामस्वरूप पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का कार्य पूरा होने के कगार पर पहुंच चुका है। इसके निर्माण में 22494 करोड़ रुपए लागत आई है। देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। 10 जिलों से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे लखनऊ से गाजीपुर तक लोग भर्राटा भर सकेंगे।

प्रदेश की जनता को राज्य सरकार की यह सबसे बड़ी सौगात होगी। इसके बन जाने के बाद गाजीपुर से प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दूरी महज साढ़े तीन घंटे में तय होगी जिसको तय करने में अभी तक 8 घंटे से अधिक का समय लगता है। इतना ही नहीं गाजीपुर से दिल्ली तक की राह भी आसान हो जाएगी। महज 10 घंटे में दिल्ली की दूरी तय की जा सकेगी।

नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने में जुटी राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास को तेज गति प्रदान करने के लिये गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिये 89 फीसदी से अधिक भूमि का क्रय भी कर लिया है। सीएम योगी जीवन और जीविका को सुरक्षित करने के लिये पूरी तनमयता से जुटे हैं। उन्होंने शनिवार को टीम-9 की बैठक में अधिकारियों को प्रदेश की महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के बचे हुए कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यें की गुणवत्ता एवं समयबद्धता का विशेष ध्यान रखने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

विकास की प्रक्रिया को निरंतर आगे बढ़ा रही राज्य सरकार प्रदेश में उद्यमियों को अधिक से अधिक निवेश के लिये आमंत्रित कर रही है। नई-नई फैक्ट्रियां स्थापित हो रही है। पिछली सरकारों के मुकाबले युवाओं को रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिले हैं। इसके लिये उसने राज्य में सुरक्षा का माहौल बनाने के लिये कानून का राज स्थापित करने का भी बड़ा कार्य किया है। विकास की नई सोच के साथ नौजवानों को आगे बढ़ाने वाली राज्य सरकार ने  महामारी की चुनौतियों का सामना करते हुए लगातार प्रदेश को आगे बढ़ाने में जुटी हुई है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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