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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज: नजूल भूमि पर बने फ्लैटों के खिलाफ PIL पर शीघ्र सुनवाई से HC का इंकार  

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CM Yogi will hand over the keys

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प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने माफिया अतीक अहमद के कब्ज़े से मुक्त नजूल भूमि पर बने फ्लैटों के आवंटन के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इन्कार कर दिया। अब इस याचिका की सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी। याची क्राइम प्रीवेंशन कांउसिल ऑफ इंडिया के अधिवक्ता ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले जनहित याचिका पर सुनवाई की गुहार थी।

याची के शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। याची के अधिवक्ता गौरव गुलाटी और ऋषभ राज ने पीठ को बताया कि माफिया अतीक अहमद से मुक्त जमीन पर गरीबों के लिए बने फ्लैटों के आवंटन में घोर अनियमितताएं बरती गई है और मुख्यमंत्री आवंटियों को चाभी सौंपने के लिए आज शहर में है।

शीघ्र सुनवाई की प्रार्थना पर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि जनहित याचिका याची के प्रचार का हथकंडा मात्र है, इसलिए इसे भारी जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जनहित याचिका पर अवकाश कालीन पीठ में सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। अब इस जनहित याचिका रेगुलर कोर्ट में जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो सकती है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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