उत्तर प्रदेश
शहरी और ग्रामीण श्रमिकों के लिए रोजगार के वृहद अवसर दे रहा है प्रयागराज महाकुंभ
प्रयागराज । प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को एक तरफ जहां योगी सरकार दिव्य और भव्य बना रही है तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ श्रमिकों के लिए भी रोजगार का एक बड़ा अवसर साबित होने जा रहा है। महाकुंभ में विभिन्न कार्यों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। जिला नगरीय विकास अभिकरण और श्रम विभाग की इसमें अधिक सहभागिता है।
जिला नगरीय विकास अभिकरण दे रहा 1100 कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार
प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ से हजारों बेरोजगार हाथों को काम भी योगी सरकार दे रही है। श्रम विभाग , पर्यटन के अलावा जिला नगरीय विकास अभिकरण भी इसमें अग्रणी है। प्रयागराज की जिला नगरीय विकास अभिकरण ( डूडा ) परियोजना अधिकारी प्रतिभा श्रीवास्तव बताती हैं कि इस बार महाकुंभ में डूडा की तरफ से 1100 से अधिक स्किल्ड और अन स्किल्ड श्रमिकों को अस्थाई रोजगार दिया जा रहा है। मेला प्राधिकरण , नगर निगम प्रयागराज और सहायक निदेशक स्वास्थ्य की मांग पर ये श्रमिक उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो महाकुंभ के कार्यों में लगाए जायेंगे। आपूर्ति किए जा रहे श्रमिकों में सबसे अधिक मेला प्राधिकरण को 480 ड्राइवर, 160 हेल्पर और 24 सुपरवाइजर दिए जा रहे हैं । इसके अलावा नगर निगम को 300 सफाई कर्मी, 50 ड्राइवर, 40 मलवा श्रमिक और 20 माली डूडा उपलब्ध करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को डूडा की तरफ से 97 कंप्यूटर ऑपरेटर्स दिए जा रहे हैं। इन श्रमिकों को महाकुंभ के आयोजन की अवधि में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जा रहा है।
श्रम विभाग की तरफ से 25 हजार श्रमिकों को महाकुंभ में मिलेंगे रोजगार के अवसर
श्रमिक वर्ग को रोजगार से संयुक्त करने के लिए प्रदेश के श्रम विभाग की तरफ से किए जा रहे प्रयासों के अतिरिक्त प्रयागराज में 2025 में लगने जा रहा महाकुंभ भी इसके लिए बड़ा जरिया बनेगा।
उप श्रमायुक्त राजेश मिश्रा बताते हैं कि महाकुंभ की तैयारियों में 25 हजार से अधिक श्रमिकों को काम दिया जा रहा है । महाकुंभ के विभिन्न विभागों के कार्यों को कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से इन श्रमिको का अस्थाई रोजगार दिया जाएगा। श्रम विभाग में इन श्रमिकों का पंजीयन कराया गया है ताकि प्रदेश सरकार की श्रमिक कल्याण की विभिन्न योजनाओं से इन्हे आच्छादित भी किया जा सके।
उत्तर प्रदेश
अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को पीएमजीएसवाई की सड़कों से जोड़ेगी योगी सरकार
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के ग्रामीण और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत बेहतर गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि अच्छी कनेक्टिविटी से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी संभव हो सकेगा। इस दिशा में योगी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं, जो ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार, एफडीआर तकनीक से प्रदेश में हुए सड़कों के निर्माण से योगी सरकार ने 2500 करोड़ की धनराशि की बचत की है।
प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चली योगी सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को जोड़ने की दिशा में कार्य योजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह प्रस्ताव प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों को शामिल करने पर केंद्रित है, जहां अधिक आबादी रहती है और कनेक्टिविटी का अभाव है।
सरकार का उद्देश्य है कि इन क्षेत्रों में बनने वाली सभी सड़कें एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित हों। यह तकनीक न केवल सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि लागत में भी भारी बचत करती है। प्रदेश में एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण में अब तक लगभग 2500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस उपलब्धि का विवरण केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में राज्य के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
सड़कों की गुणवत्तापूर्ण निर्माण पर जोर दे रही योगी सरकार
योगी सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सड़कों का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप हो। इसके लिए नियमित निरीक्षण और निगरानी का प्रावधान किया गया है। निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की तैयारी है, ताकि उन्हें एफडीआर तकनीक और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तरीकों की जानकारी दी जा सके।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि वे अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर अधिक से अधिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दें। सीएम योगी का मानना है कि यदि घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाए, तो वहां विकास की गति तेज हो सकती है। इससे न केवल आवाजाही आसान होगी, बल्कि रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
कनेक्टिविटी से प्रदेश के विकास को गति देने में जुटी योगी सरकार
योगी सरकार के प्रयासों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच एक मजबूत परिवहन नेटवर्क तैयार करना है। सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास की रीढ़ होती हैं। बेहतर सड़कें न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाती हैं, बल्कि कृषि उत्पादों के विपणन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती हैं। सरकार का यह प्रयास केवल सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं है। सड़कों की स्थायित्व और लंबे समय तक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित मरम्मत और रखरखाव पर भी ध्यान दिया जा रहा है। योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में सड़क निर्माण की गति में तेजी आई है। बेहतर सड़कों की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच आसान हुई है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिला है।
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