उत्तर प्रदेश
पहले के सभी कुंभों से विराट और भव्य होगा 2025 का प्रयागराज महाकुंभ : योगी आदित्यनाथ
कुरुक्षेत्र। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को यहां पेहोवा स्थित डेरा सिद्ध बाबा गरीबनाथ मठ में आयोजित आठमान, बत्तीस धुनी व शंखाढाल भण्डारा कार्यक्रम में उपस्थित हुए। उन्होंने यहां देशभर से पधारे संतों और भक्तजनों को संबोधित किया। उन्होंने सभी को प्रयागराज महाकुंभ में आमंत्रित करते हुए कहा कि सनातन धर्म का ये सबसे बड़ा आयोजन पिछले सभी कुंभों से ज्यादा विराट और भव्य होगा। योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में पधारे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को विधानसभा चुनाव में जीत की बधाई भी दी। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणावासियों ने प्रदेश में डबल इंजन की सरकार को फिर से चुनकर भगवान श्रीकृष्ण के उद्घोष ‘परित्राणाय साधुनाम, विनाशाय च दुष्कृताम’ को सिद्ध करके दिखा दिया है। हरियाणा वालों ने दिखा दिया है कि जनता का जनार्दन रूप कैसा होता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सज्जन शक्ति का संरक्षण और दुर्जन शक्ति को रसातल में पहुंचाना ही परम कर्तव्य है। उन्होंने धर्म के दो हेतुओं अभ्युदय और नि:श्रेयस की चर्चा करते हुए कहा कि अभ्युदय का पालन किये बिना नि:श्रेयस की प्राप्ति संभव नहीं है।
धर्म के दो हेतु ‘अभ्युदय’ और ‘नि:श्रेयस’ की व्याख्या
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म के दो हेतु हैं, पहला है अभ्युदय का और दूसरा नि:श्रेयस का। अभ्युदय का अर्थ सांसारिक उत्कर्ष है, जिसमें हम अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी ऊर्जा को लोककल्याण के साथ जोड़ते हैं। इसके लिए हमें सही फैसला लेना होगा। धार्मिक क्षेत्र में अच्छे संत चाहिए होंगे। विकास के लिए सही लोग चुनने होंगे। अच्छे लोगों को चुनेंगे तो परिणाम भी अच्छा आएगा। हरियाणा के लोगों ने अच्छा फैसला किया है। ये भगवान श्रीकृष्ण के कर्मयोग की धरा है। जिन लोगों ने बुरा किया उनका परिणाम भी बुरा ही होगा। दूसरा हेतु है नि:श्रेयस का। एक योगी या सद्गृहस्थ अपने अभ्युदय को विस्मृत करके कभी नि:श्रेयस की प्राप्ति नहीं कर सकता। जब सांसारिक उत्कर्ष के लिए निष्काम भाव से काम करेंगे तो परिणाम हमें इसी रूप में देखने को मिलेगा। ये इस लोक में विकास के साथ लोकमंगल की कामनाओं की सिद्धि का आधार तो तय करेगा ही, इसके बाद वह हमारी मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। यही धर्म की दो कामनाएं हैं। इन्हीं कामनाओं को लेकर प्राचीन काल से संतों का समागम होते रहे हैं। समय समय पर इस धरा धाम को उपकृत करने वाले दैवीय महापुरुषों के माध्यम से जो विशिष्ट घटनाएं घटित हुईं वही हमारे पर्व और त्यौहार बन गये।
पेहोवा में ‘चमन’ लेकर आए हैं महंत शेरनाथ जी महाराज
उन्होंने अपना संस्मरण सुनाते हुए जूनागढ़ में गुरुगोरखनाथ आश्रम के पूज्य गुरू श्रीत्रिलोकनाथ बाबू जी के भजन का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘संत हैं सुहागी, रहते सदा मगन, जाते हैं जिस लोक में करते सदा चमन’। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पेहोवा के इस स्थल से अवतारी योगी सत्यनाथ जी की परंपरा को पूरे देश में विस्तार मिला। मगर पिछली चार पीढ़ियों से यहां की स्थिति ठीक नहीं थी। मगर ये प्रसन्नता का विषय है कि महंत शेरनाथ जी ने न केवल पेहोवा, बल्कि मुजफ्फरनगर और शामली के उजड़े हुए पवित्र स्थानों में ‘चमन’ लाकर और सिद्धों की भावनाओं को मूर्तरूप देकर भक्तों के मन में नया विश्वास जागृत किया है। चार पीढ़ी से पतन की ओर जा रही ये पावन धरा एक योगी के आने के बाद उत्थान की ओर अग्रसर हुई है। यह नाथ संप्रदाय के एक सुप्रसिद्ध सिद्ध योगी गरीबनाथ जी की पावनधरा है।
धर्म का मतलब पलायन नहीं होता
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये आयोजन मां सरस्वती के तट पर हो रहा है। सरस्वती नदी को पुनर्जीवन देने का कार्य हरियाणा की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। अब संतों और आम जन की भी जिम्मेदारी है कि सभी इसके लिए सामूहिक प्रयास करें। जल की एक-एक बूंद को बचाने, जल की शुद्धि, वृक्षारोपण का कार्य, प्राकृतिक और गौ आधारित खेती इस नदी को पुनर्जीवन देने का आधार होगा। भारत की नदियों के प्रति हमें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करना होगा। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब पलायन नहीं होता। किसी योगेश्वर ने पलायन का नाम धर्म नहीं कहा। केरल में जन्म लेने वाले संन्यासी आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में जनजागरण और शास्त्रार्थ के माध्यम से चार पीठों की स्थापना का कार्य किया। आज देश उसी रूप में हम सबके सामने हमें देखने को मिल रहा है।
विरासत का संरक्षण करके ही सार्थक होगी उज्ज्वल भविष्य की कामना
योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ धाम का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले वहं 10 श्रद्धालु भी एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते थे, मगर आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ जुट सकते हैं। इसी प्रकार अयोध्या में 500 साल बाद अपने भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम विराजमान हो चुके हैं। ऐसे ही 2025 का महाकुंभ भी पहले के सभी कुंभ से विराट और भव्य होगा। दुनिया के इस सबसे बड़े समागम में सनातन धर्म के पूज्य संतों की उपस्थिति होगी। सभी लोकों से जुड़े हुए देवी-देवता, पितृगण और पवित्र आत्माएं भी आएंगी। पूज्य संतों का सानिध्य हम सबको प्राप्त हो इसके लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर एक पवित्र स्थल जो हमारे सनातन धर्म, सिद्धों-संतों और अवतारी पुरुषों से जुड़ा हुआ है, उनके संरक्षण के लिए डबल इंजन की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। विरासत का संरक्षण करके ही हम उज्ज्वल भविष्य की कामना को सार्थक कर पाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने दीपावली पर्व की हरियाणावासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विरासत और विकास के अद्भुत संगम से ही 2047 में देश विकसित भारत और दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनेगा।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, वरिष्ठ योगेश्वर श्रीमहंत शेरनाथ जी महाराज, नाथ संप्रदाय के उपाध्यक्ष और राजस्थान विधानसभा के विधायक श्रीमहंत बालकनाथ जी, समुद्रनाथ जी, योगी कृष्णनाथ जी, चैताईनाथ जी, लहरनाथ जी, राजनाथ जी, पूरननाथ जी महाराज, हरिनाथ जी, शेरनाथ जी, केशवनाथ जी, सुंदराईनाथ जी, पंचमनाथ जी, रूपनाथ जी, रविन्द्र पुरी जी, संपूर्णानंद जी, तरंगनाथ जी, रुद्रपुरी जी, भल्लेगिरी जी, कमलनाथ जी, महेशगिरी जी, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, कणिराम, सुप्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल सहित षड्दर्शन संप्रदाय से जुडे संतजन और बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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