पंजाब
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने दिया इस्तीफा, भगवंत मान सरकार से है तनातनी
चड़ीगढ़। पंजाब के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने कहा है कि वह निजी कारणों के चलते पद से मुक्त होना चाहते हैं। पंजाब की भगवंत मान सरकार से तनातनी के बीच राज्यपाल ने इस्तीफा दिया है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि कुछ निजी कारणों और प्रतिबद्धताओं के चलते वह इस्तीफा दे रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी।
बता दें कि पंजाब की भगवंत मान सरकार और राज्यपाल के बीच कई मामलों को लेकर मतभेद चल रहे थे। राज्यपाल के खिलाफ मान सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी। दो दिन पहले भी सीएम मान ने राज्यपाल पर निशाना साधा था और कहा था कि राज्यपाल हमें तंग करते हैं। प्रदेश में चुनी हुई सरकार है। यहां पर इलेक्टेड राज करेंगे या फिर सिलेक्टेड राज करेंगे। लोकतंत्र में इलेक्टेड राज चलता है। लेकिन कई लोगों ने सिलेक्टेड राज की आदत डाल ली है।
भगवंत मान चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर भाजपा पर हमला बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बात-बात पर राज्यपाल कह देते हैं कि यह कानूनी है और यह गैरकानूनी है। राज्यपाल ममता दीदी को बंगाल में और हमें पंजाब में बहुत तंग करते हैं।
विधानसभा में बिलों के पास होने के बावजूद राज्यपाल की मंजूरी ना मिलने के मामले में मान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। इसके बाद राज्यपाल ने तीन विधेयकों को मंजूरी भी दी थी। कई बार राज्यपाल ने भगवंत मान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही थी। हालांकि बीते दिनों गणतंत्र दिवस पर दोनों की मुलाकात हुई।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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