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मुख्य समाचार

पंजाब: मूसेवाला के गाँव पहुंचे सीएम भगवंत मान का तगड़ा विरोध, नारेबाजी

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चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस नेता और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के छह दिनों बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान आज शुक्रवार को मानसा जिले में उनके पैतृक गांव पहुंचे। कड़े विरोध को देखते हुए वहां सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा कम किए जाने के एक दिन बाद बीते रविवार को युवा गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। इसी वजह से परिजनों और शुभचिंतकों में भगवंत मान सरकार के खिलाफ आक्रोश है।

आज सुबह जब आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक मूसेवाला के घर पहुंचे तो उन्हें कड़े विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा।

वहीँ, मुख्यमंत्री भगवंत मान के दौरे से पहले आज शुक्रवार सुबह सिद्धू मूसेवाला के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। गांव में तनाव का माहौल है। घर के आसपास पुलिस द्वारा की गई नाकेबंदी से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।

पुलिस पर परिजनों को घर में घुसने से रोकने का आरोप है। इससे पहले आप विधायक गुरप्रीत बनावली को भी प्रदर्शनकारियों ने रोका। उन्होंने बाद में पुलिस की ओर से माफी मांगी। कांग्रेस हत्या के लिए सत्तारूढ़ सरकार को दोषी ठहरा रही है और एक केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग कर रही है। यही मांग मूसेवाला के परिवार का भी है।

पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह वारिंग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाकात की थी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी शोक संतप्त परिवार से नहीं मिलने पर आप पर हमला बोला था।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “चार दिन हो गए हैं और एक भी सांसद या सत्ताधारी पार्टी के मंत्री ने सिद्धू मूसेवाला के घर का दौरा नहीं किया है। सीएम भगवंत मान जी आपने कहा था कि हमारी सरकार आम आदमी की होगी। क्या यही है?”

बाद में गुरुवार को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा और ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मूसेवाला के घर का दौरा किया और उनके पिता से मिलने पर दुख व्यक्त किया।

कल गुरुवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से उस आदेश वापस लेने को कहा, जिसमें 400 से अधिक वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

बाजवा ने ट्वीट किया, “मैं सभी 424 व्यक्तियों की सुरक्षा बहाल करने के माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान गृह मंत्री का पद छोड़ दें और इसे किसी और सक्षम और पेशेवर व्यक्ति को दें।”

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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