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आध्यात्म

दिसंबर तक तैयार हो जाएगा राजा राम का भव्य दरबार, सप्त मंडपम में होंगे सात छोटे-छोटे मंदिर

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Ram Mandir ayodhya

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अयोध्या। अयोध्या राममंदिर के उद्घाटन के बाद पहली बार मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। इसमें निर्माण कार्यों को गति देने पर चर्चा हुई। दस फरवरी से मंदिर का शेष निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी है।

वहीं, रामनवमी से पहले यात्री सुविधाएं विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम तल पर भव्य राम दरबार की स्थापना की समयसीमा दिसंबर 2024 तय हुई है।  भक्तों की सुविधा को देखते हुए निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने चर्चा की।

उन्होंने बताया कि जल्द ही मंदिर निर्माण का शेष कार्य शुरू होने जा रहा है। मुख्य रूप से राममंदिर के परकोटे का काम पूरा किया जाएगा। 795 मीटर परकोटे के निर्माण का 50 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है। मंदिर के निचले चबूतरे पर आइकोनोग्राफी के माध्यम से पत्थरों पर मूर्तियां उकेरने का भी काम होना है। प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना का काम शुरू होगा।

सप्त मंडपम में सात मंदिर

जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडपम की भी परिकल्पना जल्द साकार होगी। परिसर में एक बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के छोटे-छोटे मंदिर होंगे।

राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल ने बताया कि सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी व माता अहिल्या के मंदिर होंगे। बैठक में इन पर शीघ्र काम शुरू करने पर चर्चा हुई। मंदिर परिसर में सभी काम अब एक साथ शुरू होंगे।

निर्माण कार्यों के बीच निर्बाध दर्शन

अनिल मिश्र ने बताया कि परिसर की सभी सड़कों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा उपकरण लगाने के काम, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का शेष काम रामनवमी से पहले पूरा करने का लक्ष्य है। परिसर की सफाई के लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया है, जिसके 50 कर्मचारी रोजाना सफाई करते हैं। निर्माण कार्यों के बीच निर्बाध दर्शन की कार्ययोजना भी तय की गई।

पांच लाख श्रद्धालु भी आए तो कर सकेंगे सुगम दर्शन

स्नान-पर्व व मेलों की विशेष तिथियों पर पांच लाख या इससे अधिक श्रद्धालु भी अयोध्या आएं तो इन्हें नव्य मंदिर में रामलला के सुगम दर्शन कराए जा सकेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया है।

प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन 23 जनवरी जैसे हालात की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। मौजूदा समय में रोजाना एक से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर दो से तीन लाख तक भी पहुंच जाती है।

23 जनवरी को पांच लाख से भी अधिक रामभक्तों के दर्शन के लिए उमड़ने की अप्रत्याशित स्थिति से सबक लेते हुए प्रशासन ने कई तरह के इंतजाम किए हैं। ऐसे में अब प्रतिदिन सामान्य तौर पर एक से तीन लाख तक श्रद्धालु आराम से बिना किसी व्यवधान के रामलला के दर्शन कर रहे हैं।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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