उत्तर प्रदेश
रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम का महाकुम्भ में होगा ऐतिहासिक प्रदर्शन
महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भव्य और दिव्य महाकुम्भ में इस बार कई नई पहल की जा रही हैं। इसी क्रम में महाकुम्भ मेले के इतिहास में पहली बार किसी एनिमेटेड फिल्म का प्रदर्शन होने जा रहा है। महाकुम्भ मेले में एक ऐतिहासिक पहल के तहत इंडो-जापानी एनिमेटेड फिल्म ‘रामायण – द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम’ का हिंदी संस्करण प्रदर्शित किया जाएगा। यह विशेष स्क्रीनिंग मुख्य अतिथि और प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की उपस्थिति में 22 जनवरी बुधवार को सुबह 10:00 बजे दिव्य प्रेम सेवा शिविर, सेक्टर 6, नेत्र कुंभ के पास आयोजित होगी।
श्रीराम की अद्वितीय गाथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगी फिल्म
फिल्म भगवान श्रीराम की अद्वितीय गाथा, उनकी निष्ठा और अधर्म पर धर्म की विजय को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। यह महाकुम्भ मेले में बच्चों के लिए खास तौर पर आयोजित की जा रही है। आयोजनकर्ताओं के अनुसार, यह फिल्म परिवारों और हर आयु वर्ग के दर्शकों के लिए प्रेरणादायक और मनोरंजक होगी। यह फिल्म 24 जनवरी 2025 को देशभर में रिलीज़ की जाएगी। महाकुंभ में इसका प्रदर्शन इसे और अधिक विशेष बनाता है। इस अद्भुत सिनेमाई अनुभव का आनंद लेने के लिए श्रद्धालु सुबह 10 बजे दिव्य प्रेम सेवा शिविर, सेक्टर 6 में आ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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