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उत्तर प्रदेश

रामपुर लोकसभा उपचुनाव: आसिम रजा सपा प्रत्याशी घोषित, आजम खां ने किया एलान

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रामपुर (उप्र)। उप्र के रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने आज प्रत्याशी घोषित कर दिया। पार्टी ने आसिम रजा को मैदान में उतारा है। सपा नेता आजम खां ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद खुद प्रत्याशी के नाम का एलान किया। भाजपा ने घनश्याम लोधी को प्रत्याशी घोषित किया है। घनश्याम लोधी ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं, आसिम रजा कुछ देर में नामांकन करेंगे।

कांग्रेस से दो नेताओं ने नामांकन पत्र खरीदे
जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि कांग्रेस से दो नेताओं ने नामांकन पत्र खरीदे हैं। आसिम रजा सपा विधायक आजम खां के करीबी हैं। आजम खां कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों के साथ सपा प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कराएंगे।

आखम खां के परिवार के सदस्य को लेकर थीं अटकलें
सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार को लेकर पूरी तरह से आजम खां के ऊपर ही छोड़ दिया था कि वो जिसे चाहें उम्मीदवार बना सकते थे। दिल्ली में आजम खां और अखिलेश के बीच हुई मुलाकात के बाद से रामपुर सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। माना जा रहा था कि यहां से आजम खां के परिवार का कोई सदस्य मैदान में उतर सकता है लेकिन आखम खां ने आसिम रजा पर दाव खेला है।

आजादी के बाद रामपुर में पहली बार उपचुनाव
सपा नेता आजम खां के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रामपुर संसदीय सीट रिक्त हुई थी। आजादी के बाद रामपुर में ऐसा पहली बार होगा, जब यहां लोकसभा की सीट के लिए उपचुनाव होगा। आजम खां ने इस सीट पर एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी और भाजपा प्रत्याशी व फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा को शिकस्त दी थी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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