उत्तर प्रदेश
STF संग मुठभेड़ में मारा गया राशिद कालिया, हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर हत्याकांड में था वांछित
झांसी। कानपुर के बसपा नेता और हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर हत्याकांड में वांछित राशिद कालिया उर्फ घोड़ा उर्फ वीरू को उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने झांसी के मऊरानीपुर में मुठभेड़ में मारा गिराया है। कानपुर पुलिस ने उस पर सवा लाख का इनाम घोषित किया था।
आज सुबह करीब 7.00 बजे थाना मऊरानीपुर, झांसी क्षेत्रान्तर्गत सितौरा रोड पर यूपी STF ने हत्या एवं अपहरण के मुकदमों में वान्छित शातिर अपराधी राशिद कालिया उर्फ गौड़ा उर्फ बीरू पुत्र सलीम निवासी चिश्तीनगर, थाना चकेरी कानपुर नगर उम्र करीब 45 वर्ष पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया।
घायल अवस्था में उसे सीएचसी मऊरानीपुर ले जाया गया। जहां से उसे मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया गया। झांसी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान राशिद कालिया की मौत हो गई। कालिया की ओर से की गई फायरिंग में एसटीएफ के डिप्टी एसपी व इंस्पेक्टी को भी गोली लगी है।
पिंटू सेंगर की 20 जून 2020 को चकेरी थानाक्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 आरोपितों को जेल भेजा है, जिसमें से एक कक्कू की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पल्सर और केटीएम बाइकों पर सवार होकर चार शूटर आए थे।
गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में सामने आया था कि पल्सर को अहसान कुरैशी चला रहा था, जबकि पीछे राशिद कालिया बैठा था। जबकि केटीएम फैसल कुरैशी चला रहा था और सलमान बेग पीछे बैठा था। स्वचालित हथियारों से चारों ने पिंटू सेंगर पर एक साथ गोलियां बरसाई।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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