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आध्यात्म

इस तारीख को है रवि प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त; महत्व और पूजा विधि

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Ravi Pradosh fast is on this date, know the auspicious time

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नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर मास में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसी क्रम में चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 मार्च को प्रदोष व्रत है। इस दिन रविवार होने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

रवि प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि आरंभ- 19 मार्च को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर

तिथि समापन- 20 मार्च को 4 बजकर 56 मिनट तक

प्रदोष काल पूजा मुहूर्त-  शाम 6 बजकर 35 से 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। भगवान शिव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।

अब एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर और थोड़ा सा गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के अलावा मां पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की भी पूजा की जाती है।

भगवान शिव की पूजा आरंभ करें।

सबसे पहले थोड़ा सा जल डालने के बाद फूल, माला के साथ दूर्वा, बेलपत्र, धतूरा, शमी की पत्तियां आदि चढ़ा दें।

इसके बाद भोग लगा दें।

भोग लगाने के बाद धूप-दीपक जलाकर भगवान शिव के मंत्र, चालीसा और व्रत कथा का पाठ कर लें।

अंत में शिव आरती कर लें और दिनभर फलाहारी व्रत रखें।

चतुर्थी तिथि को स्नान आदि करने के बाद पूजा करें और फिर अपना व्रत खोलें।

प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌

रुद्र गायत्री मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सूचना हेतु है, अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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आध्यात्म

मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज

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महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।

मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक

प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।

शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स

सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।

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