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उत्तर प्रदेश

BJP सांसद राम शंकर कठेरिया को राहत, जिला कोर्ट से 2 साल की सजा सस्पेंड

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Relief to BJP MP Ram Shankar Katheria, 2-year sentence suspended from District Court

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आगरा। उत्तर प्रदेश के इटावा से भाजपा सांसद प्रो. राम शंकर कठेरिया की सजा पर रोक लग गई है। आगरा की जिला अदालत ने भाजपा सांसद के खिलाफ जारी आदेश को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा भी फिलहाल टल गया है। कठेरिया को आगरा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 साल पुराने केस में सजा का ऐलान किया था।

आईपीसी की धारा 147 (दंगा) और 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत आगरा जे तत्कालीन भाजपा सांसद सांसद राम शंकर कठेरिया को दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सांसद ने आगरा जिला जज की कोर्ट में विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। जिला जज की ओर से मामले पर सुनवाई के बाद सजा पर रोक लगाने का ऐलान किया गया।

विशेष कोर्ट ने लगाया था 50 हजार का जुर्माना

राम शंकर कठेरिया पर 16 नवंबर 2011 को दंगा भड़काने का केस दर्ज किया गया था। रामशंकर कठेरिया तब आगरा के सांसद थे। उन पर आरोप लगा था कि 10- 15 समर्थकों के साथ वे आगरा की बिजली वितरण फ्रेंचाइजी कंपनी टोरेंट पावर के कार्यालय में घुसे थे। कंपनी के कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ हुई। एक मैनेजर पर हमला किया।

कंपनी की ओर से रामशंकर कठेरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने सांसद को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना का ऐलान किया। इस सजा के खिलाफ कठेरिया ने आगरा जिला कोर्ट में अपील की।

जिला कोर्ट से मिली राहत

जिला कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद 2 साल की सजा पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही, जुर्माना राशि को भी घटा दिया। इटावा सांसद के खिलाफ सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 20 हजार रुपए जुर्माने का ऐलान किया है। इस मामले में सांसद की याचिका पर अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।

इस सुनवाई के दौरान सजा के बिंदु पर बहस हो सकती है। जिला कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा टल गया है। जिला कोर्ट की ओर से सजा के बिंदु पर फैसला आने के बाद इस मसले पर निर्णय होगा।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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