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उत्तर प्रदेश

उप्र: डॉक्टर और इंजीनियर करा रहे थे धर्मांतरण, युवती समेत छह का बदलवाया धर्म

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religious conversion in ghaziabad

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गाजियाबाद। उप्र के गाजियाबाद के खोड़ा थाना पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जिसे डॉक्टर और इंजीनियर जैसे पढ़े लिखे लोग चला रहे थे। यह गिरोह खोड़ा निवासी युवती नीरू बिष्ट समेत दिल्ली-एनसीआर में छह लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं।

धर्म परिवर्तन के इस खेल का खुलासा तब हुआ जब नीरू को परिजनों ने हिजाब पहनते और घर में नमाज पढ़ते देखा। उनकी शिकायत पर पुलिस ने गिरोह का पता लगाकर मास्टरमाइंड डा. अब्दुल्ला अहमद और उसके सहयोगी इंजीनियर मुसीर और कॉल सेंटर के कर्मचारी राहिल को गिरफ्तार कर लिया। राहिल और अब्दुल्ला का भी धर्म परिवर्तन हुआ है। राहिल पहले राहुल अग्रवाल और अब्दुल्ला सौरभ खुराना था।

ट्रांस हिंडन के डीसीपी विवेक यादव ने बताया कि गिरोह ने दिल्ली के पांच और गाजियाबाद के खोड़ा की युवती नीरू बिष्ट का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं। अब्दुल्ला ने दिल्ली के अजय राठौर, अमृत सिंह और कपिल आनंद व मुसीर ने दिल्ली के ही अजय का धर्म परिवर्तन कराया। मुसीर ट्यूटर भी है, अजय उससे गणित का ट्यूशन पढ़ता था।

मुसीर ने ही संगम विहार दिल्ली के निवासी राहुल अग्रवाल का धर्म परिवर्तन कराकर उसे राहिल नाम दिया। उसके गिरोह में जुड़कर राहिल ने नीरू से ऑनलाइन निकाह कर उसका धर्म परिवर्तन कराया। राहिल नोएडा के सेक्टर – 58 स्थित काल सेंटर आई एनरजाइजर में काम करता है। नीरू भी इसी सेंटर में काम करती थी।

देवबंद से पढ़ाई कर रहा अब्दुल्ला

गिरफ्तार लोगों में आर न्यू कालोनी, पलवल का निवासी अब्दुल्ला देवबंद के मदरसे से आलिम की पढ़ाई कर रहा है। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से 2014 में बीडीएस कर चुका है। 2014 में ही वह अपना धर्म बदलकर सौरभ से अब्दुल्ला बना। संगम विहार दिल्ली का निवासी मुसीर सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा ले चुका है। फिलहाल बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।

अलीगढ़ और देवबंद से भी जुड़े तार

पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के तार अलीगढ़ और देवबंद से भी जुड़े हैं। आरोपियों के मोबाइल से दोनों जगह के मौलानाओं के वीडियो मिले हैं। धर्म परिवर्तन के लिए इन वीडियो का इस्तेमाल किया गया। विवादास्पद धर्मगुरु जाकिर नाइक के वीडियो भी मिले हैं।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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