उत्तर प्रदेश
आरके विश्वकर्मा बने UP के नए कार्यवाहक DGP, हैं 1988 बैच के IPS अफसर
लखनऊ। यूपी के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान आज सेवानिवृत हो गई। शासनादेश के अनुसार उनकी जगह आरके विश्वकर्मा (राजकुमार विश्वकर्मा) नए डीजीपी होंगे। चौहान की तरह विश्वकर्मा भी कार्यवाहक डीजीपी ही रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरके विश्वकर्मा ने कार्यभार संभाल लिया है।
IPS आर के विश्वकर्मा मई 2023 में रिटायर होंगे। आरके विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले है। विश्वकर्मा मुकुल गोयल के बाद दूसरे सबसे सीनियर IPS अफ़सर हैं। आरके विश्वकर्मा 1988 बैच के IPS अफसर हैं।
आरके विश्वकर्मा के नाम पर इसलिए बनी सहमति
पुलिस महानिदेशक पद के लिए आरके विश्वकर्मा के चयन के पीछे बड़ी वजह उनकी कार्यशैली और ईमानदार छवि है। वह 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं। फिलहाल वह पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
बताया जा रहा है कि राज्य शासन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजे गए प्रस्ताव में डॉ राजकुमार विश्वकर्मा का नाम पहले ही भेज चुकी थी। माना जा रहा है कि प्रदेश के पुलिस विभाग से जुड़े अलग-अलग यूनिट में अगले कुछ दिनों में प्रमुख बदले जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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