उत्तर प्रदेश
विदेशों में रोड शो और वन टू वन बिजनेस मीटिंग का दिखने लगा सकारात्मक परिणाण, 52 विदेशी निवेशक यूपी में निवेश को तैयार
लखनऊ। फरवरी 2023 में होने वाली उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपीजीआईएस 2023) में दुनिया भर के दिग्गज कॉर्पोरेट लीडर हिस्सा लेने के लिए राजधानी लखनऊ आएंगे। प्रदेश सरकार के मंत्रियों की अगुवाई में विभिन्न देशों में रोड शो कर रही टीम योगी ने पहले चरण के रोड शो व वन टू वन बिजनेस मीटिंग के जरिए तमाम विदेशी निवेशकों को यूपीजीआईएस में सम्मिलित होने का न्यौता दिया है और इनमें से 52 उद्योग समूहों की ओर से न सिर्फ उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जाहिर की गई है, बल्कि इवेंट में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि भी की गई है। इनमें फार्मास्यूटिकल, बिजनेस चैंबर, बिजनेस डेवलपमेंट, इन्वेस्टमेंट बैंक, कैपिटल मार्केट, व्हीकल मोटर इंडस्ट्री, टेक्नोलॉजी, आरएंडडी, टेलीकॉम और फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टर से जुड़े उद्योग समूह शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 9 दिसंबर को टीम योगी की ओर से जर्मनी के फ्रैंकफर्ट, यूके के लंदन, कनाडा के टोरंटो और मेक्सिको में रोड शो किया है। यह रोड शो मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए इस आयोजन के माध्यम से 10 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य को साधने के लिए किया जा रहा है।
बड़े निवेश प्रस्तावों की कर सकते हैं घोषणा
टीम योगी (यूपी का प्रतिनिधिमंडल) ने अपने व्यस्ततम शेड्यूल में रोड शो के साथ-साथ विभिन्न उद्योग समूहों के साथ व्यक्तिगत तौर पर भी मुलाकात कर उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। पहले चरण के कार्यक्रम के खत्म होने के बाद 52 उद्योग समूहों ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा कई अन्य समूहों ने भी अपने प्रतिनिधि भेजने का आश्वासन दिया है, जिसकी अंतिम सहमति बाद में प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में टीम योगी अपने विदेशी दौरे पर स्ट्रैटेजी के तहत धुआंधार तरीके से फरवरी में होने वाले इस आयोजन का प्रचार किया। वह उद्योग समूहों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल और सुरक्षित माहौल के प्रति आश्वस्त करने में कामयाब रहे। यही वजह है कि पहले ही चरण में 50 से ज्यादा उद्योग समूह इस आयोजन में सम्मिलित होने को राजी हो गए और इस बात की पूरी संभावना है कि वो आयोजन में प्रदेश में बड़े निवेश की घोषणा करेंगे।
ग्रोथ और रोजगार पर है मुख्य फोकस
दिलचस्प बात ये है कि ये 52 उद्योग समूह वो हैं, जिन्हें पहले दौर में टीम योगी ने प्रदेश में निवेश और जीआईएस में आने के लिए तैयार किया है। अभी कई और चरणों में कई अन्य देशों में भी रोड शो और बिजनेस मीटिंग की जानी हैं। टीम योगी को स्पष्ट निर्देश हैं कि वो स्ट्रैटेजी के तहत रोड शो के अलावा उन निवेशकों से भी चर्चा करेंगे जिनमें प्रदेश में निवेश को लेकर पोटेंशियल होगा। इसी क्रम में प्रत्येक देश के ऐसे और सेक्टर व निवेशकों की लिस्ट बनाई गई है जो प्रदेश में निवेश को लेकर उत्सुक हों और साथ ही उनके आने से उस सेक्टर में बड़े पैमाने पर ग्रोथ और रोजगार की भी संभावनाएं हों।
इन सेक्टर्स के प्रतिनिधि होंगे सम्मिलित
जिन विदेशी निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में निवेश और यूपीजीआईएस में आने को लेकर अपनी सहमित प्रदान की है उनमें फार्मास्युटिकल से जुड़े धवल पटेल, इन्वेस्ट एशिया से अर्ने एर्टेबेलियन, कॉर्पोरेट फाइनेंस से जेरोएन मॉडेंस, चैंबर ऑफ लग्जमबर्ग से आदित्य शर्मा, बिजनेस यूरोप से एलेना सुआरेज, क्रेडेनाडो के स्पेशलिस्ट विम बोसमैन, ईएसएफ इंडियन एसोसिएशन के एमडी पास्कल केरनीस, लग्जमबर्ग से सेल्वाराज अलगुमलाई, चेयरमैन बीआईसीसीएंडआई से बैरन फिलिप व्लेरिक और यूरोचैंबर्स से एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा आईएमईसी, बीआईओ ईआईबीसी के सीईओ, मल्हार फंड, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक, डिप्लोमैटिक वर्ल्ड, एसएमई कनेक्ट, इंडस्ट्री एंड स्पेस मिथरा, हुंडई मोटर ग्रुप, इंकोफिन, इंडिया हाउस ल्यूवेन, ल्युवेन माइंडगेट, टीसीएस, यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज, नोकिया, ईएलसीसी, वीडीएमएम, वर्ल्ड टेलीकॉम लैब्स, एंटवर्प एमोटेक, टैग फैक्ट्री, एग्रिस्टो मासा, यूसीबी फॉर्मा और डेलॉयट बेल्जियम जैसी दिग्गज कंपनियों के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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