प्रादेशिक
रोशन जैकब ने निजी अस्पतालों को कोविड हास्पिटल के रूप में अधिकृत होने वाली मैनुअल प्रक्रिया को किया ऑनलाइन
लखनऊ। जनपदीय नोडल अधिकारी कोविड-19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा बताया गया कि कोविड 19 इलाज के लिए निजी अस्पतालों के चिन्हीकरण के सम्बंध में शासनादेश के अनुसार ऐसे निजी चिकित्सालय जो कोविड उपचार करने हेतु इच्छुक है, उनको शासन द्वारा अधिसूचित नही किया जाएगा, मात्र संज्ञान लिया जाएगा और प्रशासन द्वारा ऐसे सभी इच्छुक चिकित्सालयों की सूची तैयार की जाएगी। वर्तमान में जनपदों में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड चिकित्सालय बनाने हेतु अपना आवेदन पत्र जिला प्रशासन को दिया जाता है, जिसकी जांच सीएमओ कार्यालय द्वारा सम्पादित करते हुए जिलाधिकारी द्वारा अस्पताल को कोविड उपचार हेतु अधिकृत किया जाता है।
उन्होंने बताया कि माह अप्रैल में व्यापक कोविड संक्रमण के समय देखा गया कि कुछ कोविड अस्पतालों द्वारा भर्ती नही ली जा रही थी, जबकि कई अस्पताल जो कि कोविड उपचार के लिए चिन्हित नही थे उसमे कुछ कोविड रोगी भर्ती थे। वर्तमान में जनपद में मात्र 59 निजी अस्पताल कोविड उपचार अधिकृत है जबकि जनपद में कुल पंजीकृत चिकित्सालयों की संख्या 691 है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में और भविष्य में तीसरी लहर की संभावना के दृष्टिगत तैयारी स्वरूप यह आवश्यक प्रतीत हो रहा है कि सक्षम एवं इच्छुक सभी चिकित्सालयों को कोविड इलाज हेतु अधिकृत किया जाए। ऐसे अस्पताल जो इलाज की क्षमता रखते हो और कोविड रोगियों के उपचार हेतु इच्छुक भी हो, को इलाज की अनुमति मिलने से मरीजों को बेहतर सुविधा और समय से इलाज उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया की अपने नजदीकी व अच्छे चिकित्सालय में गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलने से आम आदमी में तनाव की स्थिति कम होगी और घरेलू उपचार के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने जैसे स्थिति से बच पाएंगे।
जिसके लिए नोडल अधिकारी ने कोविड इलाज के लिए सीएमओ की जांचोपरांत प्रशासन द्वारा अस्पताल को अधिकृत करने की मैनुअल व्यवस्था में संशोधन करते हुए अस्पताल को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा ’ीजजचरूध्ध्कहउीनच.हवअ.पद’ पोर्टल पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराई जा रही है। जो भी अस्पताल कोविड इलाज हेतु अपने भवन का आंशिक अथवा सम्पूर्ण भाग उपलब्ध कराना चाहते है वह उक्त वेब साइट पर उपलब्ध उपचार लिंक पर स्वयं अपने अस्पताल को कोविड उपचार के लिए अधिकृत करने के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि सेल्फ रजिस्ट्रेशन की यह सुविधा सोमवार 24 मई 2021 से शुरू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पंजीकरण हेतु चिकित्सालय के पास निम्नवत अभिलेख उपलब्ध होना अत्यंत आवश्यक है।
1) मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय द्वारा निर्गत चिकित्सालय के पंजीकरण प्रपत्र
2) उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्गत वैध पंजीकरण प्रपत्र
3) उत्तर प्रदेश फायर सेफ्टी विभाग द्वारा निर्गत फायर सेफ्टी अनुपालन का प्रमाण पत्र
4) बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण हेतु सेवा प्रदाता से अनुबंध प्रमाण पत्र
उपरोक्त प्रमाण पत्रों की प्रतियों को अपलोड किए जाने के उपरांत चिकित्सालय को कोविड 19 के प्रोटोकॉल/नियम/दिशानिर्देशों के अनुपालन तथा सभी अभिलेखों की सत्यता के सम्बंध में शपथ के साथ घोषणा पत्र पोर्टल पर भरा जाएगा।
रजिस्ट्रेशन के अगले चरण में चिकित्सालय को पोर्टल पर चिकित्सालय में उपलब्ध संसाधनों की सूचना जैसे उपलब्ध शैय्या, उपलब्ध उपकरण, उपलब्ध मानव संसाधन व उपलब्ध अन्य चिकित्सकीय सेवाए यथा डाइलिसिस आदि की सूचना उपलब्ध करानी होगी। उक्त के उपरांत चिकित्सालय द्वारा अपना आवेदन सबमिट किया जाएगा। सबमिट होने के उपरांत चिकित्सालय को आवेदन संख्या प्राप्त होगी तथा आवेदन का प्रिंट भी निकाला जा सकेगा। चिकित्सालय द्वारा आवेदन किये जाने के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा आवेदन का परीक्षण कर चिकित्सालय को कोविड 19 चिकित्सालय के रूप में अधिकृत कर दिया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा अप्रूवड होने पर पोर्टल के माध्यम से चिकित्सालय को ीजजचरूध्ध्ीवेचपजंसेण्नचबवअपक19जतंबोण्पद तथा ीजजचरूध्ध्इमकेण्कहउीनच-बवअपक19ण्पद के लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड चिकित्सालय द्वारा आवेदन के समय उपलब्ध कराए गए ईमेल आईडी तथा नामित नोडल अधिकारी के मोबाईल नम्बर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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