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सहारनपुर में 199 करोड़ की 112 परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास

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लखनऊ। देवबंद में आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) कमांडो ट्रेनिंग सेंटर का शिलान्यास कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विशेष सौगात दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अभी मैंने अपने युवा साथियों को टैबलेट और स्मार्टफोन दिया और साथ ही सुरक्षा के लिए एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर का शिलान्यास भी किया है। एक तरफ समृद्ध के लिए स्मार्टफोन होगा तो दूसरी तरफ आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने के लिए कमांडो फोर्स भी तैयार होगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 199 करोड़ की 112 परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीएस के एक सेंटर का शिलान्यास किया गया है, जबकि पहले की सरकार में कभी रामजन्मभूमि पर, कभी संकटमोचन पर, कभी लखनऊ और काशी की कचहरी पर आतंकी हमले होते थे। आतंकवादी गिरगिट की तरह रंग बदलते थे। जैसे आजकल सपा के बबुआ रंग बदल रहे हैं। आज बोल रहे हैं कि अगर उनकी सरकार होती तो राम मंदिर बनवा देते। अब उनको सपने भी बहुत आ रहे हैं। सपने में आकर भगवान कृष्ण भी कह रहे होंगे कि नालायकों जब सरकार मिली थी, तब कोसीकलां जवाहरबाग और मुजफ्फरनगर का दंगा करवा रहे थे, राम भक्तों पर गोलियां चलवा रहे थे। अब जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो कम से कम एक बार माफी मांग लो। रंग बदलने में माहिर इन लोगों को देखकर गिरगिट भी शरमा जाएगा। कि आजतक उसको ही यह उपलब्धि हासिल थी कि वह समय के अनुरूप रंग बदल देता था, लेकिन आज विपक्ष के नेता भी रंग बदल ले रहे हैं।

जब सत्ता मिली थी तो इन लोगों ने प्रदेश को बेगाना बना दिया था। हमने आते ही कहा था कि अपराध के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाएंगे। हमारे शासनकाल में कोई दंगा नहीं हुआ। दंगाइयों को मालूम है कि दंगा किया तो सात पीढ़ियां भरते-भरते थक जाएंगी लेकिन भरपाई नहीं होगी। जो अवैघ कब्जा करते थे, उनको भी मालूम है कि सरकार का बुल्डोजर उनके भवनों पर चलने के लिए तैयार है। बेटियों की सुरक्षा के लिए जो खतरा थे, उन्हें भी मालूम है क्या हाल होने जा रहा है। जो लोग कैराना का पलायन करा रहे थे, वही सब्जी का ठेला लगाने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकार इन्हीं लोगों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाती थी सम्मानित करती थी, लेकिन मुख्यमंत्री आवास ये आदेश होते हैं, जो लोगों बेटियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने, उनके खिलाफ पुलिस ऐसी कार्रवाई करे कि इनकी कई पीढ़ियां अपराध छोड़ दें। यह बदलाव दिखाई दे रहा है। पहले कोई एटीएस के बारे में, अपराध नियंत्रण के बारे में चर्चा नहीं करते थे। पहले की सरकार आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेती थी। हम उन्हें ठोकने के लिए एटीएस सेंटर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश के खिलाफ साजिश करेगा तो ओसामा की तरह कहीं भी छिपे होंगे, उन्हें निकालकर काम तमाम करेंगे। हर समय कमांडो तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के द्वारा आग लगाई जाती थी और हमारी सरकार आग बुझाने के लिए प्रदेश भर मे दर्जनों फायर स्टेशन स्थापित कर रही है। साथ ही दर्जनों विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को टैबलेट और स्मार्ट फोन मिलने पर बधाई दी और कहा कि युवा देश की ऊर्जा हैं। पहले इनके सामने पहचान का संकट था और इस समय यह युवा ऊर्जा कोरोनाकाल में आनलाइन पढ़ाई और एग्जाम के लिए तैयार कर सकें, इसके लिए प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को टैबलेट और स्मार्ट फोन दिया जा रहा है। युवा के सामने टैबलेट के लिए महीने के खर्च का संकट न हो, इसके लिए राज्य सरकार डिजीटल एक्सेस की व्यवस्था अच्छे कंटेंट के साथ देने जा रही है। अब प्रदेश का युवा स्मार्ट दिखेगा।
उन्होंने कहा कि सहारनपुर कमिश्नरी की दशकों से मांग थी कि एक विश्वविद्यालय हो। हमने दे दिया। अब मां शाकुंबरी के नाम पर डिग्री देश-दुनिया में जाएगी। पहले की सरकारों के लिए सहारनपुर दूर था। सहारनपुर अखिलेश एक बार भी नहीं आए होंगे। मैं पांच साल में दर्जनों बार आया हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जो विकास कार्य हो रहे हैं, पहले भी हो सकते थे। पिछली सरकार क्या कर रही थीं। सहारनपुर में मेडिकल कालेज का नाम कांशीराम के नाम पर था, उसे बदल दिया। लखनऊ में भाषा विश्वविद्यालय का भी नाम बदल दिया। बाबा साहेब के नाम पर बने स्मारक को तोड़ने की धमकी दी जाती थी। हमारी सरकार ने बाबा साहेब का भरपूर सम्मान किया। प्रधानमंत्री ने उनसे जुड़े पांच स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया। वाराणसी में संत रविदास के जन्मभूमि पर भव्य स्मारक बनाने और पर्यटन विकास का काम हो रहा है। महर्षि वाल्मीकि की जन्मभूमि पर पर्यटन विकास का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार डबल डोज का काम करती है। जब विकास के सोच की सरकार नहीं होती है तो आतंकवाद और अपराध को बढ़ाती है।

आज जो पैसा विकास में खर्च हो रहा है पहले वह कहां जाता था। जेसीबी से दीवार तोड़कर नोटों की गड्डी निकालनी पड़ रही है। हमने नाम नहीं लिया, पर कहा जाता है न चोर की दाढ़ी में तिनका। जब ये पैसा निकाला जा रहा था तो सबसे ज्यादा बुरा लगा सपा के बबुआ को। इनकी पीड़ा गरीब, नौजवान, महिलाओं और किसानों के साथ नहीं है। जब माफिया के खिलाफ कार्रवाई होती है तो इन्हें पीड़ा होती है। आस्थ का भी सम्मान किया। उन्होंने जनता से पूछा कि जो रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे वो क्या राम मंदिर बनवाते। आपकी ताकत ने उनको नाक रगड़ने को मजबूर कर दिया है। पहले कहते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जब बेटियों से छेड़छाड़ होती थी तो कहते थे कि गलती हो जाती है। अब तो गलती नहीं होती अब कार्रवाई होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एटीएस सेंटर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के लिए आधार बनेगा। सुरक्षा के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे। बिना भेदभाव के सुरक्षा देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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