प्रादेशिक
सैमसंग गैलेक्सी एस22 के लॉन्चिंग से पहले फोन की जानकारी हुई लीक
सैमसंग द्वारा अगले साल की पहली तिमाही में सैमसंग गैलेक्सी एस22 सीरीज को लॉन्च करने की उम्मीद है। अब एक नई रिपोर्ट में आगामी फोनों के कैमरा विनिर्देशों का खुलासा किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गैलेक्सी एस22 और गैलेक्सी एस22 प्लस दोनों ही फ्रंट और बैक शूटर दोनों के लिए ठीक इस साल की एस21 सीरीज की तरह समान कैमरा हार्डवेयर साझा करेंगे।
सैमसंग गैलेक्सी एस22 और एस22 प्लस ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप की पेशकश करेंगे, जिसमें एफ/1.8 अपर्चर वाला 50एमपी का प्राइमरी कैमरा और 3 एक्स ऑप्टिकल जूम के सपोर्ट के साथ एफ/2.4 अपर्चर वाला 10 एमपी का टेलीफोटो लेंस शामिल है। अंतिम एफ/2.2 अपर्चर वाला 12 एमपी का अल्ट्रावाइड एंगल कैमरा है।
ऐसा लगता है कि गैलेक्सी एस22 और एस22 प्लस अपने पूर्ववर्तियों पर पाए गए समान 10एमपी सेल्फी शूटर को 1.22एयूएम के पिक्सल आकार और एफ/ 2.2 के अपर्चर के साथ बनाए रखते हैं। गैलेक्सी एस 22 अल्ट्रा का डिस्प्ले, आगामी फ्लैगशिप फोन सीरीज का शीर्ष मॉडल सैमसंग द्वारा बनाया गया सबसे ब्राइट होगा।
वर्तमान गैलेक्सी एस21 अल्ट्रा पीक ब्राइटनेस के 1500 निट्स पर है और कोई भी एस22 अल्ट्रा से इस निशान से आगे जाने की उम्मीद कर सकता है। आगामी सीरीज अगले महीने बड़े पैमाने पर उत्पादन में प्रवेश करेगी।
लाइनअप में स्मार्टफोन जनवरी 2022 से खरीदने के लिए उपलब्ध होंगे और सीरीज के सभी मॉडल क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 898 चिपसेट द्वारा संचालित होने की उम्मीद है। सैमसंग गैलेक्सी एस22/एस22 प्लस मॉडल पर एक अलग दृष्टिकोण लेने की योजना बना रहा है जो अगले साल की शुरुआत में आएगा।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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