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सानिया मिर्जा ने किया रिटायरमेंट का ऐलान, बोलीं-2022 होगा आखिरी सीजन

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नई दिल्ली। भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने बुधवार को घोषणा की है कि ऑस्ट्रेलियन ओपन में महिला युगल में पहले दौर में हारने के बाद 2022 डब्ल्यूटीए दौरे पर उनका अंतिम सीजन होगा।

35 वर्षीय मिर्जा और उनकी यूक्रेनी जोड़ीदार नादिया किचेनोक 12वीं वरीयता प्राप्त काजा जुवान और तमारा जिदानसेक की गैर वरीयता प्राप्त स्लोवेनियाई जोड़ी से एक घंटे 36 मिनट में 4-6, 6-7 से हार गईं थी।

सानिया ने कहा, इस हार के कई कारण थे, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं अभी शारीरिक रूप से ठीक नहीं हूं, मैच के दौरान भी मैं दर्द में थी। वहीं, मैं अपने तीन साल के बेटे को इतनी यात्रा करके जोखिम में डाल रहा हूं, जिस पर मुझे ध्यान देना चाहिए। साथ ही मैं अब ज्यादा उम्र की हो रही हूं और मेरा शरीर भी जवाब दे रहा है। यही कारण है कि हम हार गए।

उन्होंने आगे कहा, हर रोज कोर्ट पर आने के लिए मेरे में पहली जैसी ऊर्जा अब नहीं है। मैंने हमेशा कहा है कि मैं तब तक खेलूंगी जब तक मैं खेल का आनंद ले रही हूं और अब शायद मैं इसका आनंद नहीं ले पा रही हूं। सानिया युगल में विश्व की पूर्व नंबर 1 खिलाड़ी हैं और एकल में उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 27 थी। वह इस समय विश्व में 68वें स्थान पर हैं।

ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला मिर्जा ने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक के साथ-साथ युगल में मेजर जीता है। उनका आखिरी स्लैम 2016 ऑस्ट्रेलियन ओपन में मार्टिना हिंगिस के साथ आया था।

मिर्जा अब अमेरिका के साथी ग्रैंड स्लैम चैंपियन राजीव राम के साथ मिश्रित युगल खेलने के लिए तैयार हैं। सानिया ने कहा, अगला सीजन मेरा आखिरी ग्रैंड स्लैम होगा, जो मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खेलने जा रही हूं, जिसे मैं 12 साल की उम्र से जानती हूं और हम कोर्ट पर मस्ती करने की कोशिश करेंगे।

भारतीय खिलाड़ी ने पिछले कुछ वर्षों में नियमित रूप से डब्ल्यूटीए दौरे पर नहीं खेला है, पहले 2018 में उनके मातृत्व अवकाश के कारण और फिर महामारी के कारण 2020 में कोर्ट पर नहीं उतर पाईं थीं। उनका आखिरी खिताब सितंबर 2021 में आया था, जब उन्होंने शुआई झांग के साथ ओस्ट्रावा ओपन में 43वीं डबल्स ट्रॉफी जीती थी।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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