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दिल्ली में फिर से खुलेंगे स्कूल, ग्रैप 3 और 4 की पाबंदियों को किया गया खत्म

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नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होने के साथ ही दिल्ली में ग्रैप 3 और 4 की पाबंदियों को खत्म कर दिया गया है। अब दिल्ली में केवल ग्रैप 2 की पाबंदियां ही लागू हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में सामान्य कक्षाओं को फिर से शुरू करने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को सूचित किया जाता है कि जारी किए गए परिपत्र या संबंधित आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। इस प्रकार सभी स्कूलों में सभी कक्षाएं तत्काल प्रभाव से भौतिक मोड में आयोजित की जानी है।

ग्रैप के कितने फेज?

ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है.हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रेप-3 लगाया जाता है.AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है.

गुरुवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होने के साथ ही इसे रद्द कर दिया गया है। एक अधिकारिक आदेश में यह जानकारी सामने आई। अब दिल्ली एनसीआर में ग्रैप का केवल दूसरा चरण और उसके प्रतिबंध लागू रहेंगे। इसमें उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जैसी पाबंदियां शामिल रहेंगी। इससे पहले गुरुवार की सुबह दिल्ली के वायु प्रदूषण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप 4 और 3 के नियमों में ढील देने की बात कही।

 

 

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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