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उत्तर प्रदेश

माफिया ब्रदर्स की हत्या के बाद पूरे यूपी में धारा 144 लागू, फ्लैग मार्च का आदेश

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SC ready for hearing on Atiq-Ashraf murder case, given date of April 28

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लखनऊ। माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हमले के बाद तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस उनसे आगे की पूछताछ कर रही है। तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे।

पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है। वारदात रात के करीब 10 बजे की है जब पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ से लंबी पूछताछ की थी और इसके बाद दोनों को मेडिकल जांच के लिए लाया गया था।

ये घटना प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास हुई है। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और आसपास के इलाकों से भी पुलिस बुलाई गई है। घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाने का आदेश दिया गया है। लखनऊ में कई जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और संवेदनशील जिलों में ADG और IG कैंप करने वाले हैं।

इस दौरान पूरा इलाका छावनी में तब्दील है। एटीएस की 15 सदस्य टीम मौके पर पहुंच गई है। प्रयागराज में संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है। लखनऊ के हुसैनाबाद में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है।

यूपी में धारा 144 लागू

पूरे यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है और घटना के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सभी शहरों में पुलिस के फ्लैग मार्च का आदेश दिया गया है। इसके अलावा उमेश पाल के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि उमेश पाल मर्डर केस में ही अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था।

सीएम आवास पर हुई बैठक

अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक हुई थी।यूपी के गृह सचिव संजय प्रसाद, यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरके विश्वकर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के भी निर्देश दिए।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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