उत्तर प्रदेश
गाजियाबाद में घर से मिले मां-बेटे के शव मिलने से सनसनी, कैश और गहने गायब
गाजियाबाद। गाजियाबाद आज डबल मर्डर से दहल गया। यहां लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के गुलाब वाटिका कालोनी के एक घर से मां-बेटे की लाशें मिली हैं, जो बेड पर खून से सनी हालत में पड़ी थीं। वहीं जांच में पता चला कि घर में रखने गहने और कैश गायब हैं। यशोदा के पति हरि नारायण की 10 साल पहले मौत हो चुकी थी। बेटा बिजेंदर दिव्यांग था।
घटना मकान की दूसरी मंजिल पर हुई है। बाकी परिवार तीसरी मंजिल पर सो रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। मृतक यशोदा देवी पत्नी हरि नारायण, परिवार के साथ रहती थीं।
यशोदा के पति की करीब 10 साल पहले मौत हो चुकी है। यशोदा का बेटा बिजेंदर दिव्यांग था। मकान की तीसरी मंजिल पर बिजेंद्र का भाई धर्मेंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा है। सुबह यशोदा और उसके बेटे बिजेंद्र का शव कमरे में बेड के ऊपर मिला।
दोनों लहूलूहान पड़े थे। धर्मेंद्र के बच्चे जब नीचे आए तो उन्हें घटना का पता चला। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। परिवार का आरोप है कि हत्यारे घर में घुसे और यशोदा और बिजेंद्र की हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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